कर्नाटक में कथित पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) भर्ती परीक्षा घोटाले की जांच कर रहे आपराधिक जांच विभाग (CID) ने कलबुर्गी जिले में भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) की महिला इकाई की पूर्व अध्यक्ष दिव्या हागरागी के घर पर छापा मारा। हालांकि, भाजपा नेत्री घर पर मौजूद नहीं थी, ऐसे में सीआईडी ​​ने उनके पति राजेश हागरागी को पहले हिरासत में लिया और फिर बाद में गिरफ्तार कर लिया।

सीआईडी ने यह छापेमारी दिव्या हागरागी (Divya Hagaragi) द्वारा संचालित ज्ञान ज्योति संस्थान में पुलिस सब-इंस्पेक्टर परीक्षा के दौरान अनियमितताओं के आरोपों के बाद की है। इस मामले में सीआईडी ​​टीम ने नौ अप्रैल को केस दर्ज किया था, जब उन्हें पता चला था कि कुछ उम्मीदवारों द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया था। बता दें कि, पिछले साल अक्टूबर में पीएसआई के 545 पदों की परीक्षा हुई थी और इसमें करीब 52,000 छात्र शामिल हुए थे।

सूत्रों के मुताबिक, दिव्या के सेंटर पर परीक्षा देने वाले एक उम्मीदवार वीरेश को गिरफ्तार किया गया था। वीरेश ने इस परीक्षा में 100 अंक के साथ सातवीं रैंक हासिल की थी, लेकिन कथित तौर पर उसने केवल 21 अंकों के प्रश्नों के उत्तर लिखे थे। सूत्रों ने कहा कि, वीरेश ने कथित तौर पर अपनी ओएमआर शीट (OMR Sheet) बनाने के लिए करीब 36 लाख रुपये का भुगतान किया था।

पुलिस महानिदेशक (डीजी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रवीण सूद ने कहा कि इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें चार सफल उम्मीदवार और कलबुर्गी सेंटर के तीन पर्यवेक्षक (Invigilators) शामिल हैं। मामले में अभी कई और आरोपी फरार हैं, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सीआईडी ​​को गृह मंत्री ने प्रत्येक चयनित उम्मीदवार की जांच और मामले में जांच को अंतिम रूप देने का आदेश दिया है।

इस बीच, भाजपा ने दावा किया कि दिव्या उनकी पार्टी से जुड़ी नहीं थीं। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि “वह (Divya Hagaragi) पार्टी से जुड़ी नहीं हैं। अगर वह दोषी पाई गई तो सरकार और पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी और सख्त कार्रवाई करेगी।” हालांकि, सूत्रों ने बताया है कि वह कर्नाटक राज्य नर्सिंग काउंसिल और केंद्र सरकार की दिशा समिति की मनोनीत सदस्य हैं।

वहीं, कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने आरोप लगाते हुए कहा कि “भाजपा सरकार (BJP) द्वारा पुलिस सब-इंस्पेक्टर की भर्ती प्रक्रिया में 40 प्रतिशत तक भ्रष्टाचार किया गया है। 545 चयनित उम्मीदवारों में से 300 से अधिक ने अधिकारियों और मंत्रियों को 70 से 80 लाख का भुगतान किया था। मामले में भाजपा के पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, कुछ सरकार की मदद से फरार हैं। भाजपा सरकार को उनके 40 प्रतिशत में ही दिलचस्पी है।

विधायक (Congress MLA Priyank Kharge) ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि, सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता कि युवाओं का भविष्य खतरे में है या नहीं। 57,000 के करीब ने पीएसआई के लिए परीक्षा दी थी लेकिन सरकारी नौकरी के लिए उनकी सभी आकांक्षाओं को भूखी सरकार ने चकनाचूर कर दिया। वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री इस सब से अनजान हैं।