दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने और मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच कांग्रेस आलाकमान ने कर्नाटक और दिल्ली में पार्टी नेताओं को नई जिम्मेदारी सौंपी है। कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिवकुमार को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ ही ईश्वर खंडरे, सतीश झारकीहोली और सलीम अहमद को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।

इसके साथ ही अजय सिंह को विधानसभा और एम नारायणस्वामी को विधान परिषद में मुख्य सेचतक बनाया गया है। पार्टी का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया कांग्रेस विधायक दल के नेता बने रहेंगे। डीके शिवकुमार ने दिनेश गुंडूराव का स्थान लिया है। कांग्रेस ने इसी तरह दिल्ली में फेरबदल किया है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक अनिल चौधरी को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक सोनिया गांधी ने चौधरी को डीपीसीसी का अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ ही अभिषेक दत्त, जयकिशन, मुदित अग्रवाल, अली हसन और शिवानी चोपड़ा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया है।

गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद सुभाष चोपड़ा ने डीपीसीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। चौधरी पहले पटपड़गंज से विधायक रहे हैं। वह दिल्ली युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उपाध्यक्ष बनाए गए अभिषेक दत्त मौजूदा समय में पार्षद हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में वह कस्तूरबा नगर से चुनाव लड़े थे। पूर्व विधायक जयकिशन को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल के पुत्र मुदित अग्रवाल, पूर्व विधायक हसन अहमद के पुत्र अली हसन और सुभाष चोपड़ा की पुत्री शिवानी चोपड़ा को उपाध्यक्ष बनाया गया है।

बता दें कि कांग्रेस के ‘वास्तविकता से दूर’ होने का दावा करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार (11 मार्च, 2020) को भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अब पहले जैसी पार्टी नहीं रह गया है और वहां ‘नई सोच, विचारधारा एवं नए नेतृत्व को मान्यता नहीं है। भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ मंच साझा करते हुए सिंधिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश-दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है और वह भविष्य की चुनौतियों को परखते हुए उसका क्रियान्वयन कर रहे हैं । मोदी के नेतृत्व में भारत का भविष्य सुरक्षित है।’

सिंधिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आहत थे क्योंकि वह अपने पूर्व संगठन (कांग्रेस) में लोगों की सेवा नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अभी जो कांग्रेस पार्टी है, वह पार्टी नहीं है जो पहले थी।’ उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के कारणों में ‘कांग्रेस पार्टी में वास्तविकता से इंकार’ तथा ‘नई सोच, विचारधारा एवं नए नेतृत्व को मान्यता नहीं मिलना’ बताया। सिंधिया ने कहा, ‘वहां (कांग्रेस) राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर अलग अलग विडंबना है। ऐसे में मैंने यह निर्णय (भाजपा में शामिल होने) किया।’

सिंधिया ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में ‘एक सपना हमने पिरोया था, जब वहां सरकार बनी। लेकिन 18 महीने में वो सारे सपने बिखर गए। चाहे वो किसानों के ऋण माफ करने की बात हो, पिछले फसल का बोनस न मिलना हो… ओलावृष्टि से नष्ट फसल आदि का भी मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है।’ मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर वचनपत्र पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में किसान त्रस्त है, नौजवान परेशान है और रोजगार के अवसर नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में ‘ट्रांसफर उद्योग चल रहा है, रेत माफिया चल रहा है।’ उन्होंने कहा कि राजनीति का लक्ष्य जनसेवा का भाव होना चाहिए । राजनीति उस लक्ष्य की पूर्ति का माध्यम होना चाहिए। सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा को धन्यवाद दिया।