कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता और मलूर (Malur) विधानसभा क्षेत्र से विधायक केवाई नानजे गौड़ा (KY Nanje Gowda) का चुनाव रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी मतगणना की वीडियो रिकॉर्डिंग पेश करने में नाकाम रहे, जो जरूरी थी। अब चुनाव आयोग को चार हफ्तों के भीतर मतों की फिर से गिनती करके नया परिणाम घोषित करना होगा। कर्नाटक विधान सभा चुनाव 2023 में केवाई नानजे गौड़ा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा नेता केएस मंजुनाथ गौड़ा को 248 वोटों के अंतर से चुनाव हराया था।
जिला निर्वाचन अधिकारी पर भी कार्रवाई की सिफारिश
न्यायमूर्ति आर. देवदास (Justice R Devdas) ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग देने में लापरवाही की।
यह मामला भाजपा उम्मीदवार केएस मंजूनाथ गौड़ा (KS Manjunath Gowda) की याचिका पर चला था। मंजूनाथ ने मई 2023 के विधानसभा चुनाव नतीजों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि गिनती में गड़बड़ी हुई है। हालांकि, नानजे गौड़ा ने सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए समय मांगा, जिस पर हाईकोर्ट ने एक महीने के लिए अपने आदेश पर रोक लगा दी।
अदालत ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है और सर्विस प्रोवाइडर को हार्ड डिस्क भी सौंपी गई थी। फिर भी रिकॉर्डिंग अदालत तक नहीं पहुंच पाई। अदालत ने कहा कि ऐसे हालात में दस्तावेजों की गैरमौजूदगी चुनाव पर गंभीर शक पैदा करती है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि रिटर्निंग ऑफिसर और उनकी टीम ने मतगणना नियमों का उल्लंघन किया, गिनती की सारणी में गलतियां कीं और अनधिकृत लोगों को गिनती केंद्र में आने दिया। कई जगह मतगणना एजेंटों के हस्ताक्षर भी नहीं लिए गए। अदालत का कहना है कि इन आरोपों की सच्चाई वीडियो देखकर आसानी से पता चल सकती थी, लेकिन वह रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं कराई गई।