कर्नाटक में एक हिंदू लड़की के मुस्लिम लड़के से शादी की खबर के बाद हिंदू संगठन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नवदंपति के घर पर हमला कर दिया था। घटना के एक हफ्ते बाद शुक्रवार (16 सितंबर 2022) को दंपति सब रजिस्ट्रार के ऑफिस में पहुंचा और शादी का रजिस्ट्रेशन कराया। इस दौरान नवदंपति ने कहा कि हम धर्म परिवर्तन नहीं कर रहे हैं।

शादी का रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे चिक्कमगलुरु निवासी जाफर और चैत्रा ने बताया कि हिंदूवादी संगठन ने यह कहते हुए उन पर हमला किया था कि मामला लव जिहाद का है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। 24 साल के जाफर ने बताया कि चैत्रा मेरी पड़ोसी है और हम दोनों बचपन के दोस्त हैं। उसने कहा कि दलित महिलाओं को भी अपनी इच्छा के अनुसार शादी करने का पूरा अधिकार है। जाफर और चैत्रा ने आखिरकार शुक्रवार को अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराया।

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दंपति पर यह कहते हुए हमला किया था कि उनका मामला ‘लव जिहाद’ का है। जिसके बाद पुलिस को सुरक्षा प्रदान करने और जोड़े को पुलिस स्टेशन ले जाना पड़ा क्योंकि यह एक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिला है।

धर्म नहीं बदलने जा रही: इंडियन एक्स्प्रेस से बात करते हुए जाफर ने बताया कि हम एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं। तीन साल पहले हम दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपना धर्म बदलने जा रही है। हम एक साथ रहना चाहते हैं और अपनी प्रथाओं का पालन करेंगे। हमारी शादी को लेकर दोनों परिवार खुश हैं।

जाफर ने बताया कि उसने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है और पेशे से ड्राइवर है। साथ ही अपने पिता की लकड़ी के कारोबार में भी मदद करता है। वहीं, चैत्रा ने 10वीं तक पढ़ाई की है और वह अनुसूचित जाति से है और अपनी मां के साथ रहती है।

जाफर ने कहा, “हमें उम्मीद नहीं थी कि उस दिन हम पर हमला होगा। हालांकि शादी को अब रजिस्टर कर लिया गया है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हम नहीं जानते कि कब और कहां दोस्तों और परिवार के लिए एक फंक्शन आयोजित करना है।” वहीं, बजरंग दल के हमले को लेकर चैत्रा ने कहा, “वो कौन होते हैं जो हमें हुक्म देते हैं? शादी करना हमारी इच्छा है। वो कौन होते हैं जो सवाल करते हैं और हमें बताते हैं कि हमें क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए? क्या अनुसूचित जाति की लड़कियां अपनी मर्जी से शादी नहीं कर सकतीं?”