कर्नाटक कांग्रेस की विधिक इकाई ने विधानसभा स्पीकर से अनुरोध किया है कि वह कांग्रेस-जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं करें। कर्नाटक कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस्तीफा सौंपने में नियमों का पालन नहीं किया गया। स्पीकर रमेश कुमार से अनुरोध किया कि वह कोई भी अंतिम निर्णय विधायकों के साथ अलग अलग बातचीत करने और विधायकों के विधानसभा क्षेत्र से जनता की राय एकत्रित करने के बाद ही करें।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विधिक एवं मानवाधिकार इकाई के चेयरमैन सीएम धनंजय ने स्पीकर को लिखे एक पत्र में कहा कि विधायकों ने अपने इस्तीफे आपको निजी तौर पर नहीं सौंपे हैं।’ धनंजय ने कहा, ‘उन्होंने इस्तीफे मजबूरी और प्रलोभन में आकर दिये और कानून के अनुसार ऐसे इस्तीफे स्वीकार नहीं किये जा सकते।’ सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेता इस पर भी विचार कर रहे हैं कि यदि बागी विधायकों ने अपने इस्तीफे वापस नहीं लिये तो उनके खिलाफ संविधान के तहत प्रावधानों के अनुरूप कार्रवाई की जाए। इस संबंध में प्रारंभिक चर्चा हुई है।
इस बीच कर्नाटक कांग्रेस ने विधायकों के इस्तीफे के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप लगाया और यह जानना चाहा कि विधायकों पर कितनी धनराशि खर्च की गई। उसने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश बीजेपी प्रमुख बीएस येदियुरप्पा के निजी सहायक उनके साथ देखे गए।
विधायकों के बाद मंत्रियों के इस्तीफेः कुछ विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कर्नाटक में अपनी सरकार बचाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे गठबंधन के दोनों दलों के मंत्रियों ने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और असंतुष्ट विधायकों को उसमें जगह देने का मार्ग प्रशस्त करने के वास्ते सोमवार को ‘स्वेच्छा’ से इस्तीफे दे दिए हैं। कांग्रेस की राज्य इकाई के नेता राजीव गौड़ा के अनुसार यूपीए अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा है कि उन्हें ‘पूरा पूरा विश्वास’ है कि अगले दो दिनों में चीजें सामान्य हो जाएंगी।