कर्नाटक भाजपा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ सोमवार को मैसूरु में जनाक्रोश यात्रा शुरू की। अभियान की शुरुआत उस दिन हुई जब केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की गई। इसके बाद कांग्रेस ने अभियान को ‘पाखंड’ के रूप में करार दिया। हालांकि बीजेपी की सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) यात्रा में हिस्सा नहीं ले रही है। पुराने-मैसूरु क्षेत्र मे इसकी मजबूत उपस्थिति है। उसने कहा कि गठबंधन सहयोगी भाजपा के साथ कोई मतभेद नहीं थे लेकिन हर समय 100 प्रतिशत समन्वय हासिल करना मुश्किल है।
मृत्यु प्रमाण पत्र की फीस भी बढ़ा दी- केंद्रीय मंत्री
मैसूर में अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि राज्य में कांग्रेस शासन के तहत 48 वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं और उन्होंने उदाहरण के तौर पर दूध और डीजल की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “इस राज्य में लोगों को जन्म लेने और मरने की चिंता सताने लगी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार ने मृत्यु प्रमाण पत्र की फीस भी बढ़ा दी है। 5 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दी है।”
बीजेपी की यात्रा का उद्देश्य राज्य में महंगाई, अल्पसंख्यक तुष्टिकरण और दलितों के लिए धन की लूट पर ध्यान केंद्रित करके सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ लोगों को एकजुट करना है। केंद्र द्वारा घोषित डीजल और पेट्रोल की कीमतों में 2 रुपये की एक्साइज बढ़ोतरी पर प्रहलाद जोशी ने कहा कि बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं को नहीं दिया जाएगा और पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा वहन किया जाएगा।
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पाखंड है बीजेपी की यात्रा- सिद्धारमैया
डीजल, पेट्रोल पर एक्साइज और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी के तुरंत बाद सिद्धारमैया ने एक बयान जारी कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाकर कर्नाटक में भाजपा नेताओं द्वारा शुरू की गई तथाकथित ‘जनाक्रोश यात्रा’ के पाखंड को उजागर किया है। वास्तव में उन्होंने उस सच्चाई की पुष्टि की है जो हम हमेशा से कहते आ रहे हैं – कि ये मूल्य वृद्धि केंद्र सरकार की जन-विरोधी आर्थिक नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है।”
सिद्धारमैया ने कहा, “चावल, दाल, मछली, मांस और सब्जियों से लेकर होटल के भोजन तक आवश्यक वस्तुओं की कीमत में वृद्धि का मूल कारण पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार वृद्धि है। फिर भी, भाजपा नेता हम पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी ने खुद उनके धोखे का पर्दाफाश कर दिया है। भाजपा के पास केवल दो विकल्प थे – या तो प्रधानमंत्री पर बढ़ोतरी वापस लेने के लिए दबाव डालें या अपना दिखावा खत्म कर घर लौट जाएं।”