Karnataka-Maharashtra Border Issue: कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद (Karnataka-Maharashtra Border Issue:) को लेकर कर्नाटक विधानसभा ने गुरुवार (22 दिसंबर, 2022) सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के कुछ मंत्रियों के बयानों की निंदा भी की है। साथ ही राज्य के हितों की रक्षा का संकल्प लिया गया।

प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर कोई मंत्री इस मुद्दे पर बयान देना जारी रखता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और पड़ोसी राज्य को एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को विधानसभा में सीमा विवाद पर एक बहस के दौरान स्वयं राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित करने का सुझाव दिया और इस रुख को दोहराया।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई कहा कि अगर सभी की सहमति हो तो हम सीमा मुद्दे पर बहस पर सरकार का जवाब देते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्य के रुख को दोहराते हुए एक प्रस्ताव पारित करेंगे। हम ऐसे कई प्रस्ताव पहले ही पारित कर चुके हैं, हम इसे दोहराएंगे। विपक्ष के नेता सिद्धरमैया सहित सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताई।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया। जिसमें कहा गया कि कर्नाटक की भूमि, जल, भाषा और कन्नड़ के लोगों के हित से संबंधित मामलों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कर्नाटक के लोगों और सदस्यों (विधानसभा के) की भावनाएं इस विषय में एक हैं, और यदि यह प्रभावित होती है, तो हम सभी एकजुट होकर राज्य के हितों की रक्षा के लिए संवैधानिक और कानूनी उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सिद्धरमैया ने कहा कि किसी विवाद का कोई सवाल ही नहीं है और सीमा का मुद्दा पहले ही महाजन आयोग की रिपोर्ट के साथ सुलझा लिया गया है।
बता दें, कर्नाटक के एक शहर बेलगावी पर महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों ही अपना दावा ठोकते रहे हैं, लेकिन बीते दिनों बवाल होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन मंत्रियों की एक कमेटी बनाकर पड़ोसी राज्यों के बीच बढ़ रहे 56 साल पुराने इस सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिश की थी।