पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध की हीरो रही ’17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन’ को फिर से बहाल किया जा रहा है। खास बात यह है कि फ्रांस से खरीदे गए बहुचर्चित लड़ाकू विमान राफेल की बागडोर इसी स्क्वाड्रन को सौंपी जाएगी। मीडिया से बातचीत में ग्रुप कैप्टन अनुपम बैनर्जी ने बताया कि इस स्क्वाड्रन को अंबाला में तैनात किया जा रहा है। बता दें कि मंगलवार (10 सितंबर) को स्क्वाड्रन की बहाली के कार्यक्रम में एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ भी शिरकत करेंगे।

राफेल उड़ाने वाली पहली स्क्वाड्रनः गौरतलब है कि इस स्क्वाड्रन को तीन साल पहले वायुसेना ने भंग कर दिया था। भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक 17 यह राफेल उड़ाने वाली पहली स्क्वाड्रन होगी। राफेल की तैनाती को लेकर एयरफोर्स ने जमकर तैयारियां की हैं।

सियासी विवाद का केंद्र रहा है राफेलः फ्रांस से 36 राफेल विमानों की डील हुई है। पहली बार डील यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुई थी, जिसमें मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कई बदलाव हुए। इसके बाद इसकी कीमतों को लेकर जबर्दस्त सियासी विवाद छिड़ गया था। फ्रांस से खरीदे जाने वाले राफेल विमानों को पाकिस्तान सीमा के पास अंबाला और चीन बॉर्डर के पास हाशीमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।

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गौरवशाली है इस स्क्वाड्रन का अतीतः अक्टूबर 1951 में स्थापित की गई ’17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन’ ने 1999 में कारगिल युद्ध में ऑपरेशन सफेद सागर के दौरान बठिंडा एयरबेस पर जिम्मेदारी संभाली थी। मौजूदा एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ उस समय इसके विंग कमांडर और कमांडिंग ऑफिसर थे। युद्ध काल में इस स्क्वाड्रन ने पाकिस्तान के कई बड़े ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। 2016 में मिग-21 लड़ाकू विमानों का ऑपरेशन करती थी, अब ये विमान एयरफोर्स से आउट होते जा रहे हैं, अब यह स्क्वाड्रन राफेल उड़ाएगी।