राजस्थान के हिंसा प्रभावित क्षेत्र करौली में जाने की कोशिश कर रहे भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या को बुधवार को पुलिस ने दौसा के पास रोक लिया। सूर्या ने कहा कि वह वहां शांतिपूर्ण न्याय यात्रा निकालना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने चेतावनी दी कि या तो हम करौली जाएंगे या जेल जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनकी रैली करौली में हुई हिंसा के विरोध में आयोजित की जानी है। पुलिस के रोकने के बाद सूर्या के साथ मौजूद भाजपा कार्यकर्ता हंगामा करने लगे। वे राजस्थान के गहलोत सरकार मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। इससे पहले सूर्या हिंसा से प्रभावित कुछ लोगों से मुलाकात की है और उनकी पीड़ा को सुना।

सूर्या ने बताया कि भीड़ को अंदर जाने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर भाजपा को दंगा प्रभावित क्षेत्र में जाने से रोकने का आरोप लगाया। कहा कि वे तब तक नहीं रुकेंगे जब तक वे वहां नहीं पहुंच जाते। समर्थक बैरिकेड्स पार कर राजस्थान सरकार के खिलाफ लगातार नारे लगाते रहे।

इससे पहले जयपुर एयरपोर्ट पर तेजस्वी सूर्या को राजस्थान के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अगवानी की और उनको अपनी गाड़ी से लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचे। वहां दोनों नेताओं ने करौली हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की और उनका दर्द साझा किया। दोनों नेताओं ने बाड़ी एईएन से भी मुलाकात की, जिनकी कथित रूप से बेरहमी से पिटाई की गई थी।

सूर्या ने पत्रकारों से कहा कि “बिहार में लालू यादव के जंगलराज के बारे में सुना था, लेकिन अशोक गहलोत के जंगलराज को आज देखा।” कहा कि इसका प्रमाण एईएन है। उनको कांग्रेस विधायक ने पशुओं की तरह मारा है। एईएन की अभी तक सर्जरी भी नहीं हो पाई है क्योंकि उसकी स्थिति समान्य नहीं हो रही है।

उधर राजस्थान सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आरोप लगाया है कि “यह भाजयुमो की न्याय यात्रा नहीं, बल्कि दंगा यात्रा है। कहा कि भाजपाइयों के पेट में दर्द हो रहा है कि राम नवमी के अवसर पर दंगा क्यों नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार ने शांतिपूर्ण ढंग से कैसे काबू पा लिया।”