दिल्ली की रेखा सरकार ने कांवड़ियों के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं की हैं। नई नवेली बीजेपी सरकार पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी की सरकार से आगे निकलने की होड़ में कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा और उनके लिए भव्य द्वार बनवाई है। इसके साथ ही बिजली सब्सिडी को लेकर भी कांवड़ सेवा समिति के साथ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बीते शनिवार को समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार पूरी तरह तैयार है। जैसे ही हमें अंतिम सूची मिलेगी, पहली किस्त एक क्लिक पर वितरित कर दी जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कांवड़ियों के स्वागत के लिए दिल्ली की सीमाओं पर भव्य स्वागत द्वार भी बनवा रही है। साथ ही उनकी सरकार ने कांवड़ियों के लिए बड़े पैमाने पर सुविधाओं का वादा भी किया है। अधिकारियों के अनुसार, सरकार ने पुष्प वर्षा के साथ शिव भक्तों के स्वागत की पूरी तैयारी कर ली है, चिकित्सा सुविधा के लिए टेंट लगाए गए हैं, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की है और कांवड़ियों के आने-जाने वाले रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं।

बीजेपी सरकार के इस कदम से यह संकेत मिलता है कि कांवड़ियों के ठहरने की व्यवस्था करने वाले पंजीकृत समूहों को 10 लाख रुपये देने का वादा किया गया है। जबकि कांवड़ समितियों के लिए 1,200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है। इसके अलावा, जिला मजिस्ट्रेट और जिला विकास समितियों को व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए तैनात किया गया है, जबकि कैबिनेट मंत्री, विधायक और नेता शहर में प्रवेश करने पर कांवड़ियों पर व्यक्तिगत रूप से फूल बरसाकर उनका स्वागत करने वाले हैं।

सीएम योगी की राह पर रेखा गुप्ता

ऐसा लगता है कि रेखा गुप्ता की टीम अपने “यूपी के मुख्यमंत्री” योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा ले रही है। कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा, कैबिनेट मंत्रियों का मैदान में उतरना और धार्मिक भावनाओं का बढ़ाना कुछ ऐसे पहलू हैं जिन्हें दिल्ली सरकार ने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से अपनाने की कोशिश की है।

पिछली आप सरकार ने भी कांवड़ियो के लिए शिविरों की व्यवस्था की थी, जिसमें चौबीसों घंटे डॉक्टरों की तैनाती और बिजली-पानी की आपूर्ति जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की थीं। पिछले साल, दिल्ली सरकार ने स्थानीय मेडिकल स्टोर को भी शिविरों से जुड़े रहने का निर्देश दिया था और व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए जिला प्रशासन को नियुक्त किया था।

बड़ी दुविधा में ब्राह्मण मतदाता, हर पार्टी को सर्वमान्य नेता की तलाश

आप से आगे निकलने की अपनी कोशिश में रेखा सरकार ने कांवड़ सेवा समिति के साथ कई बैठकें भी की हैं। शनिवार को, उन्होंने पिछली आप सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि संस्थाओं को टेंट जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी महीनों इंतजार करना पड़ता था जबकि उन्हें भुगतान कई सालों तक रुका रहता था। उन्होंने कहा, “पिछली सरकार ने कांवड़ियों को सुविधाएं प्रदान करने के नाम पर केवल भ्रष्टाचार किया। उन्होंने करोड़ों रुपये खर्च किए और केवल कुछ लोगों को निविदाएं जारी की, लेकिन वास्तव में जमीनी स्तर पर लोगों को कोई सेवा नहीं मिली।”

जवाब में आप ने बीजेपी पर “पवित्र परंपरा में गंदी राजनीति डालने” का आरोप लगाया। दिल्ली आप संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा, “पिछले 10-11 सालों से आप सरकार ने इस परंपरा को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया और कांवड़ियों का समर्थन किया, चाहे उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो। उन्हीं लोगों ने 10 साल तक शिविरों का प्रबंधन किया, लेकिन अब भाजपा इस मुद्दे पर गंदी राजनीति कर रही है।”

मांस की दुकान को लेकर दिल्ली में हो रहा बवाल

रेखा गुप्ता ने कहा कि कांवड़ शिविर लगाने के लिए 374 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा, “बाकी आवेदन भी जल्द ही स्वीकृत कर दिए जाएंगे। आवेदनों की बढ़ती संख्या हमारे प्रशासन में लोगों के विश्वास को दर्शाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि सफाई सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे सफाई दल तैनात किए गए हैं।

दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल आप सरकार द्वारा लगाए गए 185 कांवड़ शिविरों के मुकाबले इस बार शहर भर में 250 से ज़्यादा कांवड़ शिविर लगाए जाने की संभावना है। दूसरी ओर, भाजपा को विपक्ष में रहते हुए हर साल जो मांगे उठानी पड़ी हैं, उन्हें लागू करना मुश्किल हो रहा है: जैसे सावन के महीने में मांस की दुकानें बंद करना। हालांकि इस मुद्दे पर जनता में काफी चर्चा हो रही है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है।

केरल में बच्चों ने धोए शिक्षकों के पैर, लेफ्ट सरकार की चेतावनी पर बोले गर्वनर- गुरु पूजा तो…

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पिछले हफ्ते कहा था, “कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन जनभावना का सम्मान किया जाना चाहिए।” एक दिन बाद कला एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने भी उनके विचारों को दोहराते हुए घोषणा की कि कांवड़ियों के मार्ग के 500 मीटर के दायरे में स्थित सभी मांस की दुकानें – वैध और अवैध – बंद कर दी जाएंगी।

हालांकि मिश्रा ने बंद को लागू करने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के साथ समन्वय करने का दावा किया, लेकिन उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़ी जब नगर निगम ने यह कहते हुए अपने कदम पीछे खींच लिए कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम में प्रतिबंध लागू करने के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, जबकि एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने मंत्री की मांग का समर्थन किया।