Kanwar Yatra Controversy: मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के रूट के अंतर्गत आने वाली दुकानों को लेकर पुलिस ने दुकानों पर मालिक का नाम प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था। इसके चलते मचे विवाद पर अब समाजवादी पार्टी के पूर्व लोकसभा सांसद एसटी हसन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम नामों के साथ कई हिंदुओं की दुकानें भी चल रही हैं। उन्होंने इस आदेश को लेकर पुलिस की आलोचना की है। दूसरी ओर पुलिस के इस आदेश के बाद सीएम योगी के कार्यालय की तरफ से भी स्पष्ट किया गया है कि दुकानदारों को नेमप्लेट लगानी ही होगी।

दरअसल, मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि मुसलमानों का बहिष्कार करने और हिंदुओं की दुकानों पर जाने का संदेश दिया जा रहा है। यह सांप्रदायिक सोच कब तक चलेगी? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। दो समुदायों के बीच खाई पैदा की जा रही है। इस तरह के आदेश रद्द किए जाने चाहिए।

हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचे तो होगा एक्शन

मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी आदेश को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच आज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से स्पष्ट बयान जारी किया गया, जिसमें कहा कि गया कि सीएम योगी ने कांवड़ यात्रियों को ध्यान में रखते हुए बड़ा कदम उठाया है। यूपी भर में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर ‘नेमप्लेट’ लगानी होगी। कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी।

इस मसले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी योगी सरकार की आलोचना की है। अजय राय ने कहा कि यह बिल्कुल अव्यावहारिक है। वे (सरकार) समाज में भाईचारे की भावना को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लोगों के बीच दूरियां पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।

मायावती बोलीं – सरकार वापस ले ये फैसला

गौरतलब है कि बीते दिनों मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को लेकर पूर्व सीएम मायावती ने भी नाराजगी जताई थी। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा था कि पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले।

इस मुद्दे पर एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस सीएम योगी की सरकार पर हमलावर हैं, तो दूसरी ओर केंद्र में बीजेपी के सहयोगी यानी एनडीए के साथी जेडीयू और आरएलडी ने भी नाराजगी जताई है। यहां तक कि इस विवाद पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बड़े मुस्लिम नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी नाराजगी जताई है।