जेएनयू में 9 फरवरी को देश विरोधी नारेबाजी मामले में राजद्रोह का आरोप झेल रहे जेएनयू छात्र उमर खालिद को दिल्ली की एक अदालत ने चर्चा में हिस्सा लेने के लिए कोलकाता जाने की इजाजत दे दी। खालिद की ओर से दायर की गई अर्जी के मुताबिक यह परिचर्चा 21 मई को कोलकाता के मुक्तांगन हॉल में होगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह ने खालिद को 20 से 23 मई के बीच बस्तर सॉलिडेरिटी नेटवर्क द्वारा आयोजित परिचर्चा में हिस्सा लेने के लिए शहर की यात्रा करने की अनुमति दे दी।

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गौरतलब है कि दिल्ली की एक कोर्ट ने हाल ही में देशद्रोह का आरोप झेल रहे जेएनयू स्टूडेंट उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को छह महीने की अंतरिम जमानत दे दी थी। दोनों पर आरोप है कि इन्होंने 9 फरवरी को जेएनयू कैम्पस में भारत विरोधी नारे लगाए थे। जमानत देते हुए कोर्ट ने दोनों को 25-25 हजार रुपए का बॉन्ड भरने के लिए भी कहा था। दोनों को 23 फरवरी को देशद्रोह के आरोप में जेल भेजा गया था। बुधवार को एडिशनल सेशन जज रीतेश सिंह ने इनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बहस सुनी थी, जिसमें दोनों ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें कन्हैया की तरह राहत दी जाए। साथ ही कोर्ट से कहा था कि वे तब से न्यायिक हिरासत में हैं और पुलिस को जांच के लिए उनकी कस्टडी की जरूरत नहीं है।

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