जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने सोमवार (4 जुलाई 2022) को दिल्ली हाई कोर्ट में गुहार लगाते हुए दावा किया कि उसकी जान को जेल में खतरा है। शरजील इमाम साल 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगे के मामले में साजिश रचने का आरोपी है। शरजील फिलहाल इस मामले में न्यायिक हिरासत में है।
शरजील ने आरोप लगाया है कि जेल के अंदर उसके साथ मारपीट की गयी, उसे परेशान किया गया और उसे आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी कहा गया था। शरजील के वकील एडवोकेट अहमद इब्राहिम की ओर से सोमवार को एक अर्जी दाखिल की गई जिसमें कहा गया कि 30 जून 2022 को शाम साढ़े सात बजे के करीब आठ-दस लोगों के साथ सहायक अधीक्षक तलाशी लेने के नाम पर उनके सेल में आए। जिसके बाद सहायक अधीक्षक ने उससे मारपीट की और शरजील को आतंकवादी और राष्ट्रविरोधी कहकर संबोधित किया।
जेल में हुआ हमला: अर्जी में यह भी दावा किया गया कि तलाशी के दौरान, शरजील इमाम की किताबें और कपड़े फेंक दिए गए, उन पर हमला किया गया। आवेदन में आगे कहा गया है कि जब शरजील ने सहायक अधीक्षक से हमलावरों को उस पर हमला करने से रोकने का अनुरोध किया, तो इस संबंध में अधीक्षक द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। आवेदन में आरोप लगाया कि शायद सहायक अधीक्षक भी इस काम में शामिल थे।
जेल में सुरक्षा की मांग: शरजील की अर्जी में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस अवैध तलाशी के दौरान दोषियों ने शरजील के सेल में कुछ प्रतिबंधित पदार्थ रखने की भी कोशिश की। उनके आवेदन में इस हमले और अवैध तलाशी के लिए जेल अधिकारियों को कारण बताने और भविष्य में किसी भी हमले या उत्पीड़न से शरजील की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की गई है।
अर्जी में जेल अधिकारियों को बताए गए समय की जेल के सीसीटीवी कैमरा वीडियो रिकॉर्डिंग को सेफ रखने का निर्देश देने की मांग भी की गयी है। शरजील इमाम का आवेदन एडीशनल सेशन जज अमिताभ रावत के समक्ष पेश किया गया था, लेकिन उनके उपलब्ध न होने के कारण, इसे एक लिंक न्यायाधीश द्वारा सुना गया था। लिंक जज ने आवेदन पर नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई 14 जुलाई 2022 को करने के आदेश दिए हैं।