जेएनयू परिसर में बीते नौ फरवरी को आयोजित विवादित कार्यक्रम के संदर्भ में कुछ छात्रों को दिए गए दंड के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल सोमवार (2 मई) को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई और परिसर में एबीवीपी और वाम दलों से जुड़े छात्र समूहों के बीच तकरार भी देखने को मिली।

एबीवीपी के सदस्य और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के नेता सतेंद्र अवना ने जेएनयू परिसर का दौरा किया और उनके और आंदोलन कर रहे दूसरे समूह के सदस्यों के बीच कहासुनी हो गई। वाम छात्र समूहों ने आरोप लगाया कि अवाना ने गाली-गलौज और अभद्र टिप्पणियां कीं, हालांकि अवाना ने दावा किया कि वे प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी के लोगों के साथ एकजुटता प्रकट करने गए थे और वाम छात्र समूहों के लोगों ने उनको गाली दी। अवाना ने ही इस साल फरवरी में जंतर-मंतर पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘अगर भारत विरोधी नारे लगाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है तो मैं कैम्पस में जाऊंगा और गद्दारों को गोली मार दूंगा।’

भूख हड़ताल कर रहे एबीवीपी के सौरभ कुमार शर्मा ने दावा किया कि उनके शरीर में शर्करा का स्तर गिर गया, जिसके बाद उनको सफरदरजंग अस्पताल भेज दिया गया। शाम में वे फिर विश्वविद्यालय परिसर लौट आए और अपनी भूख हड़ताल जारी रखी। दोनों समूह विश्वविद्यालय की ओर से दी गई सजा के खिलाफ बीते गुरुवार से भूख हड़ताल कर रहे हैं।

गत नौ फरवरी के कार्यक्रम के संदर्भ में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया, जबकि उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और मुजीब गटू को अलग-अलग अवधि के लिए निष्कासित किया गया है। एबीवीपी के सौरभ शर्मा पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।