जम्मू-कश्मीर के लिए बने परिसीमन पैनल ने जम्मू संभाग में छह और कश्मीर घाटी में एक विधानसभा सीट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लिए 24 सीटें रिजर्व रहेंगी।
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा सीटों की सीमा को नये सिरे से निर्धारित करने के उद्देश्य से गठित परिसीमन आयोग द्वारा अपने ‘पेपर-1’ में जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक सीट का प्रस्ताव रखे जाने की जानकारी मिली है। इसे लेकर आयोग के पांच सहयोगी सदस्यों से सोमवार को विचार-विमर्श किया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ सीटें और अनुसूचित जाति के लिए सात सीटों का प्रस्ताव रखा गया है। जम्मू-कश्मीर में ऐसा पहली बार है, जब एसटी के लिए सीट का प्रस्ताव रखा गया है।
आयोग की बैठक में उसके सहयोगी सदस्यों, जम्मू-कश्मीर से पांच लोकसभा सदस्यों ने भाग लिया। उनसे इस महीने के अंत में प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन, हसनैन मसूदी और भाजपा के जुगल किशोर शर्मा इस बैठक में मौजूद थे। यह मीटिंग दिल्ली में हुई।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आयोग एक दस्तावेज लेकर आया है जो निष्पक्ष रूप से तैयार किया गया है। सभी संबद्ध सदस्यों ने दलों की परवाह किए बिना परिसीमन आयोग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। आयोग द्वारा पालन किए गए मापदंडों से नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य भी संतुष्ट हैं।
परिसीमन आयोग की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा पैनल के पदेन सदस्य हैं। इससे पहले लोकसभा में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि जम्मू और कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त, मुख्य सचिव, भारत के महापंजीयक, भारत के महासर्वेक्षक, सभी 20 जिलों के जिला चुनाव अधिकारियों जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श किया है।