आगामी लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड भाजपा में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। रघुबर मंत्रिमंडल के सदस्य सरयू राय ने अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वे इस्तीफा देने की तैयारी में जुट गए हैं। रघुबर दास सरकार के कामकाज से नाराज सरयू राय ने शनिवार (9 फरवरी) को अपनी सभी जिम्मेदारियों को छोड़ने की पेशकश की। दिल्ली पहुंचे सरयू राय अमित शाह से मुलाकात करना चाहते थे। हालांकि, शाह के पुणे में होने की वजह से उनकी मुलाकात नहीं हो पायी। इसके बाद उन्होंने शाह के लिए एक पत्र छोड़ा और इस महीने के अंत तक निर्देश दिए जाने की बात कही है। पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए छोड़े गए पत्र में राय ने कहा, “मैं यहां आपसे मिलने आया था, लेकिन आप दिल्ली में मौजूद नहीं हैं इसलिए मैं यह पत्र छोड़कर जा रहा हूं। जब कहेंगे मैं आपके समक्ष पेश हो जाउंगा।”
वर्ष 2017 के अगस्त महीने में ही राय ने रघुबर सरकार की कार्यशैली को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें कहा था कि इस्तीफा देने से समस्या का हल नहीं होता है। मोदी ने उन्हें अमित शाह से भी मिलने की सलाह दी थी ताकि इस समस्या का सामाधान निकाला जा सके। पत्र में राय ने कहा, “मैं आपसे (अमित शाह) 21 अगस्त 2017 दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में मुलाकात की थी। आपने मुझे 16 से 18 सितंबर 2017 के रांची दौरे का इंतजार करने को कहा था।”
राय ने अपने पत्र में आगे लिखा कि अमित शाह के दौरे के बाद कार्यशैली में कुछ सुधार हुआ, लेकिन कुछ ही महीनों बाद लोग पुराने तरीके पर लौट आए। पत्र में लिखा गया है, “वर्तमान हालात बदतर हो चुके हैँ। सरकार में कई ऐसी चीजें हो रही है, जिसे स्वीकार करना मेरे लिए मुश्किल है। आत्मस्वाभिमान के साथ मंत्रिमंडल में बने रहना मेरे लिए काफी मुश्किल हो गया है।” कार्यशैली समस्या को लेकर राज्य और केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नहीं सुलाने का आरोप लगाते हुए राय ने इस्तीफा देने की बात कही है। उन्होंने कहा, “यदि मुख्यमंत्री अपना रवैया, कार्यशैली और व्यवहार नहीं बदलते हैं तो उनकी मांग के अनुसार मेरे लिए खुद को बदलना संभव नहीं है।”