झारखंड में कांग्रेस के मुखर नेता और अपनी बात बेबाकी से रखने के लिए प्रसिद्ध जेएमएम-कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राजनेताओं पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने जमशेदपुर में आयोजित कवि सम्मेलन सह होली मिलन समारोह में व्यंग्य कसते हुए कहा कि “चोर सभी नेता बन गए और डकैत बने एमएलए।” कहा, ‘कवियों के निशाने पर हमेशा नेता और पुलिस रहते हैं। कार्यक्रम में वह मुख्य अतिथि के हैसियत से बोल रहे थे।

वह अपनी ही सरकार पर तीखे शब्दों से हमला करने से भी नहीं चूकते हैं। हाल ही में गिरिडीह जिले में झारखंड कांग्रेस के विधायकों, पार्टी नेताओं और सदस्यों की तीन दिवसीय बैठक ‘चिंतन शिविर’ के समापन दिवस पर स्वास्थ्य विभाग संभालने वाले बन्ना गुप्ता ने आरोप लगाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कांग्रेस को दरकिनार किया जा रहा था और झामुमो प्रमुख और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में पार्टी को “राजनीतिक रूप से खत्म” करने की कोशिश कर रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, गुप्ता ने कहा, “मुख्य नीतिगत निर्णय लेते समय मुख्यमंत्री हमें विश्वास में नहीं लेते हैं। यहां तक ​​​​कि कैबिनेट नोटिस और फाइलें हमें बैठक से मुश्किल से आधे घंटे पहले प्रदान की जाती हैं और हम अंजान रहते हैं।”

चिंतन शिविर के बाद संवाद कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें भी संवादहीनता की ही शिकायत हो रही है। कई कार्यकर्ता बन्ना गुप्ता के मुखर होने की आलोचना कर रहे हैं।

इधर, कांग्रेस ने बिहार में अगले महीने विधानपरिषद की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के सिलसिले में आठ सीटों के लिए शनिवार को उम्मीदवारों की सूची जारी की और अपने पूर्व सहयोगी राजद को संकेत दिया कि वह चुनावी मुकाबले में हथियार नहीं डालने वाली है। कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद आठ उम्मीदवारों की सूची जारी की। गांधी के साथ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का बेहतर व्यक्तिगत संबंध किसी काम में नहीं आया।

इन 24 सीटों के लिए चार अप्रैल को मतदान कराया जायेगा । कांग्रेस जिन सीटों के लिए नाम तय किये हैं उनमें एक पश्चिम चंपारण (मोहम्मद अफाक अहमद) है। कांग्रेस ने 2015 में यह सीट जीती थी लेकिन उसके विधानपरिषद सदस्य पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल यूनाईटेड (जदयू) में चले गये थे।