Jharkhand News: मनी लॉड्रिंग मामले में निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर सुनवाई अब दुर्गा पूजा के बाद होगी। झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार (27 सितंबर 2022) को इस मामले पर सुनवाई के दौरान यह फैसला लिया। सुनवाई के दौरान ईडी ने अदालत को बताया कि सिंघल को खूंटी में विकास परियोजनाओं में मनरेगा के काम के लिए बांटे गए पैसों में से 5 प्रतिशत कमीशन मिला था।
साथ ही ईडी ने सिंघल पर दो पैन (स्थायी खाता संख्या) रखने का आरोप लगाया है। साथ ही जांच एजेंसी ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक में उनके खातों में 73.81 लाख रुपये जमा किए गए थे। ईडी का दावा है कि इसमें से 61.5 लाख रुपये 2009 और 2011 के बीच जमा किए गए थे।
खूंटी के अधिकारियों के साथ साठगांठ: ईडी ने झारखंड आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ अपने मामले में कई आरोपों का उल्लेख किया है। जिसमें राज्य के खजाने से 18.06 करोड़ रुपये का गबन करने के लिए खूंटी जिले के अधिकारियों के साथ साठगांठ और 2009 से 2011 के बीच आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 61.5 लाख रुपये अपने बैंक खाते में जमा करना शामिल है।
ईडी के अनुसार, यह जानकारी तब सामने आयी जब डीसी के रूप में सिंघल की जगह लेने वाले अधिकारी ने इंजीनियरों द्वारा किए गए कार्यों का ऑडिट करने के लिए एक जांच समिति का गठन किया। ईडी द्वारा जांच की गई फाइल नोटिंग के अनुसार, सिंघल ने मनरेगा के काम के लिए इन फंडों के उपयोग के बारे में अपने सीनियरों को भी जानकारी नहीं दी।
पल्स अस्पताल बनाने के लिए 6.19 करोड़ का भुगतान: एजेंसी ने पल्स संजीवनी के बैंक खातों की भी जांच की और आरोप लगाया कि 2012-13 और 2019-20 के बीच, कंपनी ने कुल 69.17 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया जबकि बैंक खातों में प्राप्त कुल क्रेडिट 163.59 करोड़ रुपये थे। ईडी की शिकायत में कहा गया है कि अभिषेक झा ने अपनी कंपनी के जरिए पल्स अस्पताल बनाने के लिए यूनिक कंस्ट्रक्शन को 6.19 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
न्यायिक हिरासत में हैं पूजा और उनकी सीए: 6 मई 2022 को ईडी ने आइएएस पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और सीए सुमन कुमार से जुड़ी कई संपत्तियों की तलाशी ली थी जिसमें 19.76 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे। जिसके बाद पूजा सिंघल और सुमन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। वहीं, अभिषेक झा ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है।