बिहार में मुस्लिम महिला का हिजाब खींचने का विवाद तेजी से बढ़ता दिख रहा है। जेडीयू इसे देख अब अपने पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बचाव में उतर गई है।
बुधवार को विपक्षी पार्टियों ने इस घटना की निंदा की और हैदराबाद स्थित एक सोशल एक्टिविस्ट और वकीलों के समूह ने नेशनल कमीशन फॉर वुमन (एनसीडब्ल्यू) से शिकायत भी की।
सोमवार को घटी घटना
यह घटना तब घटी जब सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय में 1000 आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे थे। घटना के बाद कथित वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
स्वास्थ्य विभाग ने खारिज किया दावा
बुधवार को बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने इस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि इस घटना के बाद आयुष डॉक्टर ने समाज के दबाव और विवाद के कारण ड्यूटी ज्वाइन करने से मना कर दिया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्हें न ही महिला डॉक्टर की ओर से पद ठुकराने का कोई पत्र मिला है और न ही उनके परिवार की ओर से ऐसा कोई बयान आया है।
‘नीतीश कुमार को काम से आंका जाना चाहिए’
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि इस घटना को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर उछाला जा रहा। मुख्यमंत्री केवल उस आयुष डॉक्टर की पहचान पूछ रहे थे। लेकिन अब इस मुद्दे को राजनीतिक और धार्मिक रंग दिया जा रहा। नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए जो काम किए हैं उन्हें उससे आंका जाना चाहिए।
विपक्षी पार्टियों ने शेयर किया था वीडियो
मंगलवार को आरजेडी और कांग्रेस समेत राज्य की विपक्षी पार्टियों ने कथित वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया और दावा किया कि ये घटना ताजा सबूत है कि नीतीश कुमार का मानसिक संतुलन अब ठीक नहीं है।
उमर ने भी की निंदा
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को एक समारोह के दौरान इस घटना की निंदा की और कहा हमने इससे पहले भी यह देखा है, क्या आप भूल गए हैं कि कैसे महबूबा मुफ्ती ने पोलिंग स्टेशन के अंदर एक मतदाता का बुर्का हटा दिया था। वह घटना भी दुर्भाग्यपूर्ण थी और यह घटना भी। इससे पहले नीतीश कुमार एक सेक्यूलर नेता के रूप में जाने जाते थे, लेकिन अब नीतीश कुमार का असली चेहरा सबसे सामने आ गया है।
आदित्य ठाकरे ने किया पोस्ट
इस घटना को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट लिखा कि हिजाब में रहें, घूंघट में रहे, अपने चेहरे पर मास्क लगाएं या महिला ने जो कुछ भी पहना हो, किसी को भी उसे छूने का, या खींचने या जबरदस्ती पहनाने का अधिकार नहीं है।
की गई कार्रवाई की मांग
हैदराबाद की सामाजिक कार्यकर्ता लुबना सरवत, नागरिक अधिकार कार्यकर्ता निखत फातिमा और दो अन्य लोगों ने एनसीडब्ल्यू चीफ विजया के राहटकर को इस घटना पर कार्रवाई करने की मांग की है।
