बिहारी बाबू के नाम से मशहूर भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के पटना छोड़कर दिल्ली से चुनाव लड़ने की अटकलों ने सूबे के कम से कम दो दलों में घमासान मचा रखा है। सिन्हा को लेकर एक तरफ यह चर्चा है कि वे कांग्रेस के टिकट पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं जबकि दूसरी तरफ चर्चा है कि आम आदमी पार्टी (आप) पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट से उन्हें चुनाव मैदान में उतार सकती है। ‘आप’ के भीतर जारी चर्चाओं पर गौर करें तो पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधि विधायकों से पूछा भी है कि अगर उस सीट से शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट दिया जाए तो क्या वे चुनाव जीत सकते हैं। यह जगजाहिर है कि बिहारी बाबू भाजपा नेतृत्व से नाराज हैं और यह लगभग तय है कि आगामी लोकसभा चुनाव में वे पार्टी टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। सिन्हा पटना से सांसद हैं। ऐसे में एक ओर चर्चा यह भी है कि वे पटना से ही कांग्रेस-राजद गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे जबकि अब दिल्ली से उनके किस्मत आजमाने की चर्चा भी जोरों पर है। बहरहाल, इन चर्चाओं ने उन सियासी सूरमाओं की नींद उड़ा रखी है जो खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं।

आफत बनी बारिश
कहते हैं मानसून चिलचिलाती गर्मी से राहत लेकर आता है, लेकिन बीते दिनों हुई दिल्ली में हुई झमाझम बारिश ने राहत के साथ इंतजामों की पोल भी खोलकर रख दी। नजारा चांदनी चौक का था। सबको राहत देने वाली बरिश यहां आफत बनती नजर आई। हुआ यूं कि भागीरथ पैलेस के इलेक्ट्रॉनिक बाजार में कई दुकानदार सड़क पर तालाब बनने और वहां से पानी न निकलने को लेकर परेशान थे। नालियां जाम थीं और सीवर भरे थे। कुछ लोग निगम व सरकार को कोस रहे थे तो कुछ ‘रेन रेन गो अवे’ की रट लगा कर ऊपरवाले से दिल्ली को मुंबई नहीं बनाने की फरियाद कर रहे थे। इस पर किसी ने ठीक ही कहा- ‘निगम के कर्मचारियों को पगार नहीं मिलेगी तो काम कैसे होगा? ठेके का काम तो ठेके की तरह ही होगा न।’ वहीं किसी ने इस मौके पर जीएसटी की भड़ास निकालते हुए कहा- चुनाव आने दीजिए, सारा हिसाब बराबर होगा।

रास नहीं आया ज्ञान
दो दिन पहले पूरी तरह बारिश में डूबी दिल्ली के लोगों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का रविवार सुबह दिया गया ज्ञान रास नहीं आया। केजरीवाल ने सुबह-सुबह ट्वीट कर कहा कि ‘दुनिया को सियासत की नहीं, रूहानियत की जरूरत है’। इस पर पानी में डूबी दिल्ली की तस्वीर चिपकाने के साथ किसी ने जवाब दिया, ‘आंखों में पानी की कमी हो तो दिल्ली की सड़क पर काफी पानी है, दिल्ली सरकार चाहे तो डूब मर सकती, जनता को छुटकारा मिलेगा इन सियासी आरोप-प्रत्यारोपों से और अचानक उमड़ रही रूहानियत और प्रेम से’। वैसे उपमुख्यमंत्री भी रविवार सुबह दार्शनिक अंदाज में नजर आए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सुप्रभात अपने खयालों का खयाल रखिए क्योंकि जुबानी इबादत ही काफी नहीं, खुदा सुन रहा है खयालात भी’।
-बेदिल