जम्मू-कश्मीर में सत्ता छिन जाने के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी एक बार फिर चर्चा में है। पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के अंकल और पार्टी के उपाध्यक्ष सरताज मदनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मदनी ने कहा कि वह पार्टी के बड़े हितों के लिए अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। मदनी ने कहा कि वह पीडीपी की मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं।

वैसे बता दें कि सरताज मदनी पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के मामा हैं। मदनी जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा के स्‍पीकर भी रह चुके हैं। वह 2014 के विधानसभा चुनावों में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले की देवसर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़े थे। इस चुनाव में सरताज मदनी की करारी हार हुई थी। लेकिन मुफ्ती के परिवार से पुराने रिश्तों के कारण उन्हें संगठन में अहम जगह मिल गई थी। लेकिन पार्टी के भीतर उनसे नाराजगी रखने वालों की बड़ी संख्या थी।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती। फोटो- एक्‍सप्रेस आर्काइव

भाजपा और पीडीपी का गठबंधन टूटने के बाद मदनी अपने विरोधियों के निशाने पर आ गए ​थे। पार्टी के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि मुफ्ती के साथ अपने करीबी रिश्तों का सरताज मदनी ने खूब अनुचित लाभ उठाया है। यही कारण हैं कि पार्टी संकट में है और राज्य में सत्ता उसके हाथों से जा चुकी है।

कुछ दिन पहले ही बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार में मंत्री रहे रजा अंसारी ने महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें अक्षम बताया था। अंसारी ने महबूबा पर भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने का ठीकरा फोड़ा था। एक दिन पहले ही इमरान रजा के चाचा और जदिबल विधानसभा क्षेत्र से विधायक आबिद अंसारी ने भी एक पब्लिक मीटिंग में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा के खिलाफ यही आरोप लगाए। विधायक चाचा और भतीजे गुलमर्ग के विधायक मोहम्मद अब्बास का भी समर्थन मिला, जिन्होंने महबूबा और कुछ नेताओं पर पार्टी हाइजैक करने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ने की बात कही थी। वैसे बता दें कि रजा अंसारी का प्रभाव पांच विधानसभा सीटों पर है।