श्रीनगर के अंदरूनी इलाकों में कर्फ्यू जारी है जबकि शहर के बाहरी इलाकों में सामान्य स्थिति दिख रही है क्योंकि रविवार (9 अक्टूबर) यहां साप्ताहिक बाजार लगा है, लेकिन घाटी के दूसरे स्थानों पर जनजीवन प्रभावित है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर के नौहट्टा, खानयार, रैनावारी, सफाकदल और महराज गुंज में एहतियाती उपाय के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया है। अधिकारी ने कहा कि दो थाना क्षेत्रों मैसूमा और बटमालू से पाबंदियो को हटा दिया गया है। शहर के अंदरूनी इलाकों में नाबालिग लड़के की पैलेट लगने से मौत के बाद तनाव व्याप्त था। इस वजह से शनिवार (8 अक्टूबर) को विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारियरों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच ताजा संघर्ष हुआ था।

प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच शुक्रवार (7 अक्टूबर) को हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 12 वर्षीय जुनैद अखून को पैलेट्स लग गई थीं और सौरा के एसकेआईएमएस अस्पताल में चोटों की वजह से उसकी मौत हो गई थी। इसी के साथ कश्मीर में चल रही अशांति में मरने वालों की संख्या 84 हो गई। बहरहाल, शहर का बाहरी इलाके खासतौर पर लाल चौक के आसपास के कारोबारी हिस्सों में पिछले दो दिन की तुलना में आज निजी गाड़ियों और ऑटो रिक्शाओं की आवाजाही में बढ़ोतरी हुई है। सप्ताहिक इतवार बाजार आज (9 अक्टूबर) खुला है और शहर के टीआरसी चौक-बटमालू में 100 से ज्यादा दुकानदारों ने अपने स्टॉल लगाए हैं।

इस बीच, आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी को सुरक्षा बलों द्वारा एक मुठभेड़ में मार गिराने के बाद से घाटी के अन्य हिस्सों में 93वें दिनों से जन जीवन प्रभावित है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में दो पुलिसकर्मियों सहित 84 लोगों की मौत हो गई है जबकि हजारों लोग जख्मी हुए हैं। अशांति के इस दौर को चार महीने हो गए। वहीं दुकानें, कारोबारी प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, शैक्षिक संस्थान बंद हैं जबकि सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद है। पिछले तीन महीनों में पुलिस ने कथित तौर पर हिंसा भड़काने के आरोप में शीर्ष अलगवावादी नेताओं और युवकों को गिरफ्तार किया गया है। जन सुरक्षा अधिनियम के तहत 300 से ज्यादा व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।