विवादों में रहने वाले निर्दलीय विधायक शेख राशिद ने सोमवार विधानसभा में अलगाववादी भाषा में बोलते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है और जनमत-संग्रह कराया जाना चाहिए। सत्तारूढ़ भाजपा ने उनके बयान पर नाराजगी भरी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राशिद को विधानसभा से इस्तीफा दे देना चाहिए और अलगाववादियों के साथ शामिल हो जाना चाहिए या पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
राशिद ने विधानसभा में कहा, ‘‘भले ही आप मुझे जेल में डाल दो, मुझे चुनाव लड़ने से रोक लो या फांसी पर लटका दो, लेकिन इससे कश्मीर पर मेरा रुख नहीं बदलेगा।’’ पिछले साल यहां एमएलए हॉस्टल में बीफ पार्टी आयोजित करके विवाद पैदा करने को लेकर खबरों में रहे विधायक ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर न तो भारत का अभिन्न अंग है और न ही पाकिस्तान की जीवनदायिनी शिरा। आपको ऐतिहासिक वास्तविकता समझनी चाहिए और नई दिल्ली को बताना चाहिए कि जनमत-संग्रह का कोई विकल्प नहीं हो सकता।’’
भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने राशिद के बयानों का विरोध किया, वहीं निर्दलीय विधायक ने कहा कि वह भारत की संप्रभुता के खिलाफ नहीं है लेकिन ‘‘मैं केवल जम्मू कश्मीर के बारे में बात कर रहा हूं जो भारत और पाकिस्तान के बीच झगड़े की जड़ बन गया है और विधानसभा को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को निष्प्रभावी करने का कोई अधिकार नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नई दिल्ली हमेशा कहती रही है कि कश्मीर में इस तरफ के लोगों ने बड़ी संख्या में अपने वोट डाले हैं और पीओके :पाक अधिकृत कश्मीर: में रह रहे लोग पाकिस्तान के साथ सहज नहीं हैं। इसलिए कोई वजह नहीं बनती कि नयी दिल्ली जनमत-संग्रह से दूरी बनाए। संभवत: एलओसी :नियंत्रण रेखा: के दोनों ओर के लोग भारत के लिए मतदान करेंगे और तब पूरा जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बनेगा।’’