NIA ने जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर छापे मारकर 4 लोगों को जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एजेंसी का कहना है कि पाक समर्थित आतंकी संगठक से इनके तार जुड़े थे। ये लोग जैश को आर्थिक सहायता मुहैया कराते थे। तभी इनको अरेस्ट किया गया।
एनआईए ने बीते कुछ दिनों के दौरान जम्मू-कश्मीर में चार स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था। एक अधिकारी ने कहा कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में तीन जगहों पर जबकि कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में एक जगह पर तलाशी अभियान चलाया गया। उस दौरान ही इन 4 लोगों को सुराग लगा था। इन लोगों पर जैश के आतंकियों को सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराने के साथ आर्थिक मदद का भी आरोप है।
एजेंसी का कहना है कि अभी कई जगहों पर छापा मारा जा रहा है। अरेस्ट किए गए 4 लोगों से काफी अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। उसके जरिए उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश चल रही है जो सारे गोरखधंधे के मास्टर माइंड हैं। ये लोग केंद्र शासित इस सूबे में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं।
एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बीच होने वाले कारोबार से अर्जित आय का उपयोग आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान कुछ डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।
गौरतलब है कि सीमा पार से व्यापार के लिए 2018 में बारामूला और पुंछ में कारोबार सुविधा केंद्र स्थापित गया था। हालांकि, यह अप्रैल 2019 से निलंबित है। लेकिन इसके जरिए पैसे का लेनदेन बड़े पैमाने पर होने के संकेत मिले हैं। एनआईए ने कहा कि ये धनराशि हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों को भी पहुंचाई जा रही थी। केंद्र सरकार ने आतंकी संगठनों से संबंधों और जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के चलते फरवरी 2019 में जेईआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था।