केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव की सुगबुगाहट के बीच, परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के लिए तैयार की गई अपनी अंतिम रिपोर्ट हस्ताक्षर के बाद जारी कर दी है। आयोग के प्रस्ताव के अमल में आने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ जाएागी। आयोग के मुताबिक, पहली बार एसटी के लिए 9 सीटें आरक्षित की गई हैं।

आयोग ने फैसला किया है कि सभी पांच संसदीय क्षेत्रों में समान संख्या में विधानसभा क्षेत्र होंगे। इसके लिए गजट नोटिफिकेशन भी गुरुवार को जारी किया गया। प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में समान संख्या में 18 विधानसभा क्षेत्र होंगे। अंतिम परिसीमन आदेश के अनुसार, 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 43 जम्मू संभाग में और 47 कश्मीर संभाग में होंगे।

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, नागरिकों और नागरिक समाज समूहों के साथ विचार-विमर्श के बाद, नौ विधानसभा सीटें एसटी के लिए आरक्षित की गई हैं, जिनमें से 6 जम्मू क्षेत्र में और 3 घाटी में हैं। यहां कुल पांच संसदीय क्षेत्र हैं। स्थानीय प्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए कुछ विधानसभा क्षेत्रों के नाम भी बदले गए हैं।

परिसीमन आयोग के अनुसार लोकसभा की पांच सीटों में दो-दो सीटें जम्मू और कश्मीर संभाग में होंगी जबकि एक सीट दोनों के साझा क्षेत्र में होंगी। कश्मीरी पंडितों के लिए भी दो सीटें रिजर्व रखने का प्रस्ताव आयोग द्वारा दिया गया है। परिसीमन आयोग का कार्यकाल 6 मई को समाप्त हो रहा था।

केंद्र शासित प्रदेश में बढ़ जाएंगी सात सीटें

आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर के लिए कुल 7 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, इस प्रस्ताव के अमल में लाए जाने के बाद यहां विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। परिसीमन आयोग के अनुसार जो 7 सीटें बढ़ाई गई हैं उनमें से 6 सीटें जम्मू के हिस्से में आएगी। जबकि एक सीट कश्मीर में बढ़ाई जाएगी। बता दें कि अभी जम्मू संभाग में 37 विधानसभा सीटें हैं और कश्मीर संभाग में 46 विधानसभा सीटें आती हैं।