करीब एक महीने पहले आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देने वाले शाह फैसल ने ‘नौकरशाही’ पर बयान दिया है। उनका कहना है कि वह नौकरी उनके लिए जेल थी। उन्होंने एक बार फिर कश्मीर के मुद्दे को भी उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य राजनीतिक समस्या से घिरा हुआ है। इसका हल विकास योजनाओं से नहीं हो सकता।
इस्तीफा देने के बाद सोमवार को पहली बार अपने गृह जिले कुपवाड़ा में रैली को संबोधित करते हुए शाह ने अपनी नौकरी की तुलना जेल से की। उन्होंने कहा, ‘सरकार की नौकरी करने के दौरान उन्हें हमेशा घुटन होती थी। मेरे पास देश की समस्याओं से अलग होकर एक शानदार जिंदगी जीने का विकल्प था, लेकिन मैंने एक अधिकारी और जनता के बीच का बैरियर खत्म करने का फैसला लिया। अब लोगों के साथ जुड़ेंगे और गांव-गांव जाएंगे।’
शाह फैसल ने कहा, मैं आपको ईमानदारी से बता रहा हूं कि मैंने 10 साल जेल में बिताए। इन सालों में मैंने अपने लोगों की सेवा करने की कोशिश की और सफल भी हुआ। लेकिन इन 10 वर्षों में मैंने जो कुछ देखा, वह एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी होने के बावजूद, लोगों पर हो रहे अत्याचार को देख मेरे दिल में आग लगती थी। मैं खुद को असहाय महसूस करता था। उन्होंने कहा, मैं एक ऐसा जरिया ढूंढ़ रहा था, जहां मैं अपने लोगों से, कश्मीर के लोगों से बात करूं और उनकी भलाई का काम करूं।
बता दें कि कश्मीर के पहले आईएएस रहे शाह फैसल ने 9 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार को भी निशाना बनाया था। उन्होंने लिखा था, ‘कश्मीर में जारी मौतों पर केंद्र सरकार की कोशिशों में गंभीरता नहीं नजर आती। करीब 20 करोड़ मुस्लिम हिंदूवादी ताकतों के हाथ में हैं’। उन्होंने कहा था कि वह पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और दिल्ली के मुख्ममंत्री अरविंद केजरीवाल से प्रभावित हैं।