भाजपा के वरिष्ठ नेता ने 2014 में जम्मू कश्मीर सरकार गठन पर चौकाने वाला खुलासा किया है। पूर्व मंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र सिंह राणा ने दावा किया है कि 2014 में जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद जब किसी राजनीतिक पार्टी को विधानसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भाजपा के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का प्रयास किया था। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने उनके इस दावे से साफ इंकार करते हुए कहा कि राणा सिर्फ मनगढ़ंत कहानियां बता रहे हैं।
राणा ने अपने बयान में कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुफ्ती साहिब (सवर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद) ने जम्मू कश्मीर में भाजपा को सत्ता से दूर रखने को लेकर वोट मांगे थे और पूरा चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ा था, फिर बाद में उन्होंने भाजपा के साथ ही सरकार बना ली। आगे उन्होंने कहा कि 2014 में मुझे दिल्ली भेजा गया और कहा भाजपा को मनाओ कि हमारे साथ सरकार बनाएं। सरकार बनाने के लिए यदि अगर भाजपा से हाथ मिलाना पड़ता तो हम तैयार हैं।
अब्दुल्ला ने किया इंकार: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा के साथ सरकार बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। 2014 में जम्मू कश्मीर की जनता ने उन्हें (भाजपा) सरकार से बहार रखने के लिए वोट किया था लेकिन पीडीपी ने उनके साथ मिलकर सरकार बना ली, लेकिन मैं भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए कभी सहमत नहीं था।
भाजपा से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस में थे: देवेंद्र सिंह राणा 2011 में जम्मू संभाग के नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार भी रह चुके हैं। 2014 में जम्मू संभाग में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने केवल तीन सीट जीती थी जिसमें नगरोटा सीट से राणा ने जीत दर्ज की थी। उनके अलावा कमल अरोरा ने बिश्नाह से और जावेद अहमद राणा ने मेंधर से जीत दर्ज की थी । पिछले साल राणा और अरोरा भाजपा में शमिल हो गए थें।
जम्मू कश्मीर में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए एनसी, पीडीपी और सीपीएम ने मिलकर 20 अक्टूबर 2020 को गुपकार गठबंधन बनाया है।