कांग्रेस पार्टी अभी 5 राज्यों की करारी हार से उबरी भी नहीं है और अब पार्टी को जम्मू कश्मीर से एक बड़ा झटका लगा है। जम्मू कश्मीर में पार्टी के नेता विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्टी जम्मू कश्मीर के जमीनी मुद्दों को समझने में विफल रही है। विक्रमादित्य सिंह सीनियर कांग्रेस नेता कर्ण सिंह के लड़के हैं।

विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा है। भेजे गये इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि मेरा ये मानना है कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर के लोगों की भावनाओं को और उनकी उम्मीदों को समझ नहीं पा रही है। विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफे को शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा कि, “जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी स्थिति राष्ट्रीय हितों को दर्शाती है, जो कांग्रेस के साथ मेल नहीं खा रही है। पार्टी जमीनी हकीकत से दूर है।”

पांच राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में कपिल सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार को पीछे हट जाना चाहिए। सिब्बल ने राहुल गांधी के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं ,फिर भी वह सारे फैसले ले रहे हैं। सिब्बल ने इंटरव्यू में कहा कि पंजाब में राहुल गांधी ने चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा बना दिया। उन्होंने किस हैसियत से ये फैसला लिया था?

पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद G-23 ग्रुप भी सक्रिय हो गया। इस ग्रुप के नेताओं ने दो बैठकें की जिसके बाद कांग्रेस में खलबली मच गई। बाद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद डैमेज कंट्रोल करने के लिए आगे आईं और उन्होंने G-23 ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद से करीब 1 घंटे तक मुलाकात की। गुलाम नबी आजाद ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व से किसी को कोई आपत्ति नहीं है। उनके कुछ सुझाव थे, जो उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को सौपे हैं।

वहीं पंजाब में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब कांग्रेस नेताओं के निशाने पर हैं। सिद्धू और जाखड़ ने चन्नी पर खूब निशाना साधा है। जाखड़ ने यहां तक कह दिया कि सिद्धू अगर चेहरा होते, तो नतीजे कुछ और हो सकते थे।