जम्मू-कश्मीर में अचानक से राजनीतिक हालात बदल गए हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और बीजेपी की गठजोड़ वाली सरकार के गिरने के बाद से ही प्रदेश में राज्यपाल शासन लागू है। बदले राजनीतिक हालात में एक बार फिर से गठबंधन वाली सरकार बनने के आसार बन गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। पीडीपी प्रमुख ने लिखा, ‘हो सकता है कि आपको मीडिया रिपोर्ट से इस बात की जानकारी मिल चुकी हो कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (NC) ने सरकार बनाने के लिए हमारी पार्टी का समर्थन करने का फैसला किया है।’ लेकिन, एक नाटकीय घटनाक्रम में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा ही भंग कर दी। ऐसे में अब दोबारा से चुनाव कराए जाएंगे। बता दें कि 87 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 44 विधायकों की जरूरत है, जबकि इन तीनों दलों के पास संयुक्त रूप से 55 विधायक हैं। वहीं, एक और विधायक के होने कार दावा किया गया था। इससे पहले पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी को मुख्यमंत्री बनाने की बात भी कही गई है। हालांकि, बगावती नेता सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। उन्होंने 18 विधायकों के अपने खेमे में होने का दावा किया था। उन्होंने बीजेपी के संपर्क में होने की बात भी कही थी।
Former J&K CM and President of PDP Mehbooba Mufti writes to J&K Governor Satya Pal Malik to stake the claim for forming govt in the state. The letter reads, “You might have gathered from media reports that Congress and NC have decided to extend support to our party to form govt.” pic.twitter.com/F7coNfKO44
— ANI (@ANI) November 21, 2018
Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik has passed an order dissolving the state Legislative Assembly. pic.twitter.com/TirFfZfTCs
— ANI (@ANI) November 21, 2018
JKNC has been pressing for assembly dissolution for 5 months now. It can’t be a coincidence that within minutes of Mehbooba Mufti Sahiba letter staking claim the order to dissolve the assembly suddenly appears.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 21, 2018
‘निर्धारित प्रावधानों के तहत भंग की विधानसभा’: जम्मू-कश्मीर राजभवन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने राज्य के संविधान में उल्लिखित प्रावधानों के तहत विधानसभा भंग करने की घोषणा की गई है। इस बीच, मीडिया रिपोर्ट पर भरोसा करें तो पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती दिल्ली रवाना हो गई हैं। बताया जा रहा है कि वह यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगी। जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी की गठजोड़ वाली सरकार सत्ता में थी। बीजेपी ने इस साल जून महीने में महबूबा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए वर्ष 2014 में चुनाव कराए गए थे। बीजेपी के महबूबा सरकार से अलग होने चुनी हुई सरकार गिर गई थी। तकरीबन साढ़े पांच महीने बाद पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस की ओर से संयुक्त रूप से सरकार बनाने की पहल की गई थी। अब राज्यपाल के कदम से नए सिरे से सरकार बनाने का प्रयास विफल हो गया है।