jammu and kashmir: केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं। राजौरी में मंगलवार (4 अक्टूबर, 2022) को लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हर साल जम्मू कश्मीर में 12 सौ जवान शहीद होते थे, लेकिन मोदी सरकार की वजह से ये आंकड़ा 136 पर आ गया है।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर सबसे सुरक्षित स्थान के रूप में उभरा है, क्योंकि आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में कमी आई है। अमित शाह के इस बयान पर रविंद्र नाम के एक यूजर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। यूजर लिखा, जेल के डीजीपी भी सुरक्षित नहीं हैं और उनके घर में ही हत्या कर दी गई है। भारत के महान झूठे गृह मंत्री।

शाह ने कहा कि आतंकवादियों और हुर्रियत के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त, 2019 के बाद आतंकवादियों और हुर्रियत के खिलाफ एक निरंतर अभियान शुरू किया गया था।

अनुच्छेद 370 और 35A नहीं हटता तो जम्मू-कश्मीर में ट्राइबल रिजर्वेशन नहीं मिलता: शाह

अमित शाह ने कहा, ‘देश में सरकार बदली, 2014 से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें, तब मोदी ने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में पंचायत के चुनाव कराए। पहले जो सिर्फ तीन परिवार के पास था, आज 30 हजार के पास जम्मू-कश्मीर का शासन आया है। 5 अगस्त 2019 को एक महत्वपूर्ण फैसला दिया, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को उखाड़ कर फेंक दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर अनुच्छेद 370 और 35A नहीं हटता तो जम्मू-कश्मीर में ट्राइबल रिजर्वेशन नहीं मिलता।”

शाह ने पूछा- 70 साल में तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को क्या दिया

गृह मंत्री ने आगे कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर के 27 लाख परिवारों का पांच लाख तक का स्वास्थ्य का पूरा खर्च उठा रहे हैं। 70 साल में इन तीन परिवारों ने दिया क्या? पहले आए दिन जम्मू-कश्मीर से पथराव के समाचार आते थे। आज पथराव की खबरें सामने नहीं आती हैं।

2019 से अब तक 56 हजार करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश पूरे जम्मू-कश्मीर में आया: शाह

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यहां के युवाओं को मजबूत करने का काम किया है। आजादी से लेकर 2019 तक पूरे जम्मू-कश्मीर में 15 हजार करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश आया था। उन्होंने कहा कि 2019 से अब तक इन तीन वर्ष में 56 हजार करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश पूरे जम्मू-कश्मीर में आया है। उन्होंने डोगरा सम्राट महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी की घोषणा करने के लिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन की भी प्रशंसा की।

बता दें, अमित शाह सोमवार को तीन दिवसीय के दौरे पर जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं। उन्होंने सोमवार को जम्मू में गुर्जर, बकरवाल व पहाड़ी समाज और सिख समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ भी मुलाकात की थी। बीजेपी ने पहाड़ी लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने का वादा किया है। जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ और उत्तरी कश्मीर के बारामूला में रहने वाले समुदाय की यह लंबे वक्त से मांग रही है।