UP Madarsa Survey: उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे को लेकर राजनीति पूरी तरह से गर्मा चुकी है। तमाम मुस्लिम धर्मगुरु के साथ AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी यूपी में मदरसों के सर्वे को लेकर सवाल उठा चुके हैं। इसी कड़ी में दिल्ली में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने मंगलवार (6 सितंबर, 2022) को मदरसों के सर्वे के खिलाफ बैठक की। जिसमें उत्तर प्रदेश के कई जिलों के मदरसों के प्रधानाध्यापकों ने शिरकत की।

जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने कहा कि हम इस फैसले का विरोध करेंगे। इसको नीचे से लेकर ऊपर तक जाएंगे, जहां तक मुमकिन होगा, जिस लेवल पर मुमकिन होगा। फिर चाहे मुझे सुप्रीम कोर्ट ही क्यों न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी बैठक के अंदर अभी हाल-फिलहाल कोई फैसला नहीं किया जा सकता। इसको लेकर एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी फैसला लेगी कि आगे इस मामले पर क्या करना है।

उन्होंने कहा कि हम संबंधित अधिकारियों को एक आवेदन भेजकर उनसे मिलने के लिए समय मांगेगे। कोई भी काम गलत तरीके से नहीं करना चाहिए, भले ही वह अच्छा काम ही क्यों न हो। कुछ सुधार करने के लिए हमेशा जगह होती है। जिस तरह से इसे चित्रित किया जा रहा है वह गलत है।
मदनी ने कहा कि हम चाहते हैं कि योगी सरकार हमसे बात करे। उन्होंने आशंका जताई कि असम की तरह मदरसों को बुलडोजर से तोड़ा ना जाए। वहीं यूपी के अल्पसंख्यक राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि यह सर्वे मुस्लिम नौजवानों की तरक्की के लिए जरूरी है।

मदनी ने कहा कि मदरसे देश की संपत्ति हैं। राष्ट्र के विकास लेकर हर संघर्ष में मदरसों का योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकी गतिविधियों के आरोप में असम में पुलिस ने कई मदरसों को ध्वस्त कर दिया। जिसको लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद अपना विरोध जता रही है।उन्होंने कहा कि वह सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं और नियमों के पालन में हर संभव मदद भी करेंगे। अगली बैठक 24 सितंबर को देवबंद के दारुल उलूम में होगी। इसमें आगे की रणनीति पर विचार होगा।

मदरसों को टारगेट कर रही सरकार: फारुकी

बैठक में कमाल फारुकी ने कहा कि सरकार मदरसों को टारगेट कर रही है। मदरसों पर बुलडोजर चला रही है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मदरसे हमारे हकूक का मामला है। मौलाना इश्तियाक अहमद कादरी ने सरकार के सर्वे पर कहा कि अगर नीयत ठीक है, तो उसका स्वागत है, लेकिन मदरसे मदद से पहले से ही कई परेशानियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि साढ़े 16 हजार मदरसों में से केवल 500 को सरकार की मदद मिलती है।

इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाया था। जिसमें कहा गया था कि सरकार जानबूझकर अल्पसंख्यक संस्थानों को निशाना बना रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समय राज्य में कुल 16,461 मदरसे हैं। राज्य के कुल मदरसों में से 560 मदरसों को सरकारी सब्सिडी मिलती है, लेकिन नए मदरसों को पिछले छह वर्षों से अनुदान सूची से बाहर रखा गया है।

बता दें, योगी सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है। इसमें उनमें मौजूद मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांची जाएगी। इसके लिए 10 सितंबर तक सर्वे टीमें गठित की जाएंगी।