Jamalpur Vidhan Sabha Seat Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जमालपुर सीट सबसे चर्चित मैदानों में शामिल हो गई है। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और टिकट कटने के फैसले ने पूरा गणित बदल दिया है। कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह को दरकिनार कर यह सीट इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (IIP) को सौंप दी। पार्टी ने यहां से नरेंद्र तांती को नया चेहरा बनाकर उतारा है। लेकिन इस फैसले से कांग्रेस के भीतर असंतोष गहराता जा रहा है, और समीकरण नई दिशा ले रहे हैं।

टिकट कटने के बाद कांग्रेस की स्थानीय इकाई में तीखी नाराजगी फूट पड़ी है। नगर कमेटी अध्यक्ष साईं शंकर और कई प्रमुख नेताओं ने इस्तीफे दे डाले। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि सवर्ण मतदाता भी इस निर्णय से खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। डॉ. अजय, जो लगातार इलाके में सक्रिय और प्रभावशाली विधायक रहे हैं, उनके टिकट कटने से एक स्थायी वोटबैंक अब असमंजस में है। यही असंतोष इस सीट पर वोटों के पूरे संतुलन को हिला सकता है।

जमालपुर विधानसभा चुनाव परिणाम 2025

पार्टी उम्मीदवारवोट
इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (महागठबंधन)नरेंद्र तांती
जेडीयूनचिकेता
जन सुराजलल्लन जी

विधानसभा चुनाव 2020 का हाल

क्रम संख्याउम्मीदवारपार्टीवोट
1अजय कुमार सिंहभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)57196
2शैलेश कुमारजनता दल (यूनाइटेड)52764
3दुर्गेश कुमार सिंहलोक जनशक्ति पार्टी (LJP)14643

मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है जेडीयू के बागी और पूर्व मंत्री शैलेश कुमार ने, जिन्होंने इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने का ऐलान किया है। अपने मजबूत नेटवर्क और इलाके में गहरी पकड़ के कारण वे मुकाबले को त्रिकोणीय बना चुके हैं। अब तस्वीर साफ है — महागठबंधन बनाम एनडीए बनाम निर्दलीय बागी। यह सीट अब सिर्फ दो गठबंधनों की नहीं रही, बल्कि हर जातीय और सामाजिक समीकरण के लिए खुला मैदान बन चुकी है। जेडीयू ने नचिकेता मंडल को उम्मीदवार बनाया है।

विधानसभा चुनाव 2015 का हाल

क्रम संख्याउम्मीदवारपार्टीवोट
1शैलेश कुमारजनता दल (यूनाइटेड)67273
2हिमांशु कुंवरलोक जनशक्ति पार्टी (LJP)51797
3संजय कुमार सिंहशिवसेना8228

महागठबंधन के नए उम्मीदवार नरेंद्र तांती पहली बार चुनावी अखाड़े में हैं और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। वे कहते हैं कि जनता अब जाति से ऊपर उठकर विकास और ईमानदारी को मुद्दा बनाएगी। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सवर्ण असंतोष, बागी उम्मीदवार और नया चेहरा — यह तिकड़ी जमालपुर का खेल पूरी तरह बदल सकती है। यह चुनाव अब महज एक सीट की लड़ाई नहीं, बल्कि जनभावनाओं और राजनीतिक निष्ठा की परीक्षा बन गया है। यहां मतदाता सिर्फ बटन नहीं दबाएंगे, बल्कि यह तय करेंगे कि बिहार की राजनीति में पुराना जनाधार ताकतवर है या नई सामाजिक इंजीनियरिंग।