BJP ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए जय प्रकाश निषाद को मंगलवार को उम्मीदवार घोषित किया है। यह उपचुनाव आगामी 24 अगस्त को होना है। समाजवादी पार्टी के सांसद बेनी प्रसाद वर्मा के निधन से यह सीट खाली हुई थी।
निषाद, बहुजन समाज पार्टी के विधायक रह चुके हैं। उन्होंने कुछ साल पहले ही भाजपा का दामन थामा था। वह भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई में फिलहाल उपाध्यक्ष हैं और उनका कार्यक्षेत्र गोरखपुर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहक्षेत्र भी गोरखपुर ही है।
निषाद मल्लाह समुदाय से हैं। भाजपा से पहले वह BSP और SP में थे। 2008-09 में वह बसपा सरकार में राज्य मंत्री रहे थे।पूर्वांचल के दिग्गज नेताओं में उनका नाम है।
2012 में वह चौरीचौरा विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विधायक थे, लेकिन 2017 में यहां से भाजपा उम्मीदवार ने उन्हें हरा दिया था। फरवरी, 2018 में योगी आदित्य नाथ की एक सभा में वह भाजपा में शामिल हो गए थे।
यह वह वक्त था, जब गोरखपुर लोकसभा के लिए उपचुनाव हो रहे थे। भाजपा में शामिल होने के बाद उपचुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ल का जम कर प्रचार किया था। लेकिन सपा समर्थित प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने उन्हें हरा दिया था।
गोरखपुर निवासी निषाद को राज्यसभा भेजने की वजह ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने की बीजेपी की नीति मानी जा रही है। माना जा रहा है कि बिहार चुनाव में भी बीजेपी इसका फायदा उठा सकती है। बिहार में ओबीसी की अच्छी खासी आबादी है।
साथ ही, विरोधी खेमे (महागठबंधन) में भी मल्लाह बिरादरी के एक नेता (विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी) की मौजूदगी है। निषाद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के भी करीबी माने जाते हैं। उनके क्षेत्र (गोरखपुर) में भाजपा का काम वही देखते हैं।