इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव 2022 में काफी चर्चा में रहे थे। वजह थी इंदौर का मेयर बनने के लिए उनका अपना हाई-प्रोफाइल कानूनी करियर छोड़ना। वह अब एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार वजह है उनका एक निर्देश, जिसमें पुष्यमित्र भार्गव ने शहर के सभी मॉल और दुकानों को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्रतिकृतियां (Replica) स्थापित करने को कहा है। साथ ही उनकी एक चेतावनी भी चर्चा में है कि ‘जो सहयोग नहीं करेगा उसे क्या जवाब देना है वह जानते हैं’…
पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, ”मैं इन लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक सांता क्लॉज और क्रिसमस ट्री लगाए जा सकते हैं और आपको उस पर कोई आपत्ति नहीं है तो राम मंदिर की प्रतिकृति (Replica) लगाने में भी किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”
क्या चेतावनी दी थी?
मॉल और दुकानों को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्रतिकृतियां (Replica) स्थापित करने का निर्देश देते हुए मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, “अगर कुछ लोग बिना किसी कारण के सहयोग नहीं करते हैं, तो इंदौर के लोग जानते हैं कि उन्हें कैसे जवाब देना है। ये राम का काम है. यह राम राज्य के लिए काम है. मुझे नहीं लगता कि किसी को इस पर कोई आपत्ति होनी चाहिए।”
कौन हैं पुष्यमित्र भार्गव?
राजनीति में आने से पहले पुष्यमित्र भार्गव ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के सबसे कम उम्र के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया।इंदौर में जन्मे और पले-बढ़े, उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, स्कूल ऑफ लॉ, इंदौर से कानून में एम.फिल की डिग्री और एलएलएम की डिग्री हासिल की हैं।
जहां उन्होंने कानून में स्नातक की डिग्री भी पूरी की। उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से साइबर लॉ में डिप्लोमा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और जनसंचार में सर्टिफिकेट कोर्स किया है। अपने छात्र जीवन के दौरान, वह भाजपा की छात्र शाखा एबीवीपी में सक्रिय थे।