इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले बंगाल और पंजाब में कांग्रेस को टीएमसी और आम आदमी पार्टी की आलोचना का सामना करना पड़ा तो वहीं अब उत्तर प्रदेश में भी स्तिथि ठीक नहीं है। इंडिया गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक दल (RLD) सीटों में स्पष्टता की कमी से नाखुश है कि वह किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

RLD को मिली हैं 7 सीटें

19 जनवरी को एसपी और आरएलडी ने सीटों के बंटवारे पर समझौता किया, जिसमें जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली पार्टी को सात सीटें मिलीं थीं। हालांकि आरएलडी ने सीट बंटवारे पर टिप्पणी करने से परहेज किया है, लेकिन पार्टी नेताओं ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर कांग्रेस और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी के बीच बातचीत विफल हो जाती है तो वह सपा के साथ रहेगी।

रालोद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ”जयंत जी और अखिलेश जी ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि रालोद को कौन सी सीटें मिलेंगी और इसके कारण उन नेताओं में कुछ चिंता पैदा हो गई है जो रालोद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस और एसपी के बीच जो कुछ भी होता है, उसके बावजूद हम एसपी के साथ अपना गठबंधन जारी रखेंगे क्योंकि कांग्रेस के साथ जाना, हमारे लिए फायदेमंद नहीं होगा।”

पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि कुछ सीटों पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा, “हमें यकीन है कि हमें बागपत और मथुरा मिलेगा। लेकिन मेरठ, मुजफ्फरनगर, नगीना, आगरा और हाथरस जैसी सीटों के लिए कोई निश्चितता नहीं है। इसलिए वहां के उम्मीदवार इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि उन्हें अपने विकल्प खुले रखने चाहिए या नहीं।”

इस बीच आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव अनुपम मिश्रा ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि पार्टी कैडर सभी सीटों पर काम कर रहा है और ऐसे मुद्दे उन पर असर नहीं डालते हैं। उन्होंने कहा, ”चाहे हमें कोई भी सीट मिले, हम जमीन पर तैयारी कर रहे हैं और यही मायने रखता है।”

कांग्रेस-सपा आमने-सामने

सीटों के बंटवारे को लेकर सपा और कांग्रेस को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन पहले ही कांग्रेस ने कहा कि एसपी द्वारा 16 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा के बाद उसे आश्चर्य महसूस हुआ। दोनों पार्टियों (सपा और कांग्रेस) के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं क्योंकि सपा ने भी यह घोषणा करके कांग्रेस को ‘आश्चर्यचकित’ कर दिया है कि उसके लिए 11 सीटें छोड़ी जाएंगी। कांग्रेस इस बात पर जोर दे रही है कि सीटों बंटवारे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा था कि कांग्रेस अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग उनकी पार्टी के खिलाफ धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि कांग्रेस विनम्र रह सकती है, सहयोग कर सकती है, लेकिन लाचार नहीं है।”

इस बीच एसपी ने आरएलडी कार्यकर्ताओं में नाराजगी की बात को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि आरएलडी किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसे अंतिम रूप देने के लिए पर्याप्त समय है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि आरएलडी अपने उम्मीदवार तय कर रहा है और जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचेगा। एसपी और आरएलडी 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से गठबंधन में हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में एसपी-आरएलडी गठबंधन ने 120 सीटें जीतीं। जहां एसपी ने 347 सीटों पर चुनाव लड़कर 111 सीटें जीतीं, वहीं आरएलडी ने 33 सीटों में से नौ सीटें जीतीं।