उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या एक बड़ी समस्या है और 2022 के विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा भी बना। समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे को अपने घोषणापत्र में शामिल किया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक सभा के दौरान कहा था कि सरकार बनने के बाद आवारा पशुओं को लेकर सरकार नई नीति बनाएगी, जिससे किसानों को कोई परेशानी ना हो। आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसल खराब होती है जिससे किसानों को नुकसान होता है।

मैनपुरी के मुख्य विकास अधिकारी का एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने गोवंश पकड़े जाने को लेकर एक नई नीति बनाई है। सोशल मीडिया पर वायरल इस पत्र के अनुसार इसमें निर्देश दिया गया है कि, “प्रत्येक माह की 5, 15 और 25 तारीख को अभियान चलाकर निराश्रित गोवंश पकड़े जाने हेतु अभियान चलाया जाएगा, जिसमें समस्त खंड शिक्षा अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहयोग करेंगे।”

मैनपुरी के मुख्य विकास अधिकारी का पत्र हुए वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया जयंत चौधरी ने भी इस पत्र को शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा है कि, “ये था वो masterplan जिसका ज़िक्र प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में किया था। ‘10 मार्च को दोबारा सरकार बनने पर आवारा पशु के लिए ऐसा इंतजाम किया जाएगा जिससे गोबर से भी पशुपालकों की कमाई हो’! प्रदेश के शिक्षक अब सांड को पकड़ेंगे।”

सोशल मीडिया पर भी इस पत्र पर कई तरह की प्रतिक्रिया रही है। जस्सल नाम के टि्वटर यूजर ने इस नियम की आलोचना करते हुए लिखा कि, “देश भर में शिक्षकों को ऐसे ही ऊटपटांग कामों पर लगाया जाता है, पंजाब में जनगणना, इलेक्शन ड्यूटी, सरकारी सर्वे, सरकारी स्कीम लोगों तक पहुंचाने का काम शिक्षकों का ही है। उत्तरप्रदेश में कुछ नया हुआ है क्या? शिक्षा की ऐसी तैसी करने में कोई भी पार्टी कसर नहीं छोड़ती।”

बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र के माध्यम से प्रदेश की जनता से कहा था कि प्रदेश में पिछले 5 सालों में जिन लोगों की मौत आवारा पशुओं के कारण हुई है ,सपा सरकार बनने पर उनके परिजनों को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।