लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) में चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। एक दिन पहले पशुपति पारस को लोजपा का अध्यक्ष चुन लिया गया था। हालांकि, चिराग पासवान को खुद से छीने गए पद पर चाचा का बैठना गंवारा नहीं है। पार्टी के ज्यादातर नेताओं का समर्थन जाने के बावजूद चिराग इस लड़ाई को लंबा लड़ने की बात कह चुके हैं। हालांकि, इस बीच लोजपा के एक पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कथित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। बताया गया है कि इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से उनके ‘हनुमान’ चिराग पासवान की राजनीतिक हत्या रोकने की अपील की है।
अरुण कुमार की कथित चिट्ठी में क्या?: मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, जहानाबाद से लोजपा के सांसद रह चुके अरुण कुमार ने मोदी को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें उन्होंने कहा है कि आप दखल देकर चिराग पासवान की राजनीतिक हत्या रूकवाएं। मोदी को भेजी गई पूर्व सांसद ने कथित चिट्ठी में यहां तक लिखा है कि चिराग पासवान ने 2014 से लेकर अब तक आपके लिए अभियान चलाया।
चिराग का पक्ष लेते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि पिछले कुछ समय से बिहार में उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। अपने पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वह व्यवहार दिलाने की कोशिश की है जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की उपस्थिति के कारण भाजपा नेताओं के लिए आोयजित भोज रद्द कर दिया था।
मोदी को राम, खुद को हनुमान बता चुके हैं चिराग पासवान: गौरतलब है कि पिछले साल बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने कहा था कि प्रचार अभियान के लिए मुझे प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाने की जरूरत नहीं है। वह मेरे दिल में बसते हैं। मैं उनका हनुमान हूं, मेरा सीना चीर कर देख लें। मोदी के साथ था, हूं और रहूंगा। दरअसल, चिराग ने यह बात समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कही थी।
तब मोदी की तस्वीर इस्तेमाल करने को लेकर भी चिराग ने जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री लगातार परेशान हैं कि ये लोग भी पीएम की तस्वीर का इस्तेमाल ना कर लें। कहां पर कर रहा हूं मैं। कौन सा मेरा प्रत्याशी इस्तेमाल कर रहा है। कोई भी मेरा होर्डिंग पोस्टर, घोषणा पत्र दिखा दीजिए जहां मैं उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा हूं। दरअसल, चिराग ने बिहार चुनाव एऩडीए से अलग हो कर लड़ा था। इसलिए जेडीयू ने लोजपा को मोदी की तस्वीर इस्तेमाल न किए जाने की धमकी दी थी।
पशुपति पारस के अध्यक्ष चुना जाना नकार चुके हैं चिराग: चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को खारिज कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पटना में आयोजित चाचा की बैठक असंवैधानिक थी। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्यों की न्यूनतम उपस्थिति तक नहीं थी। चिराग के मुताबिक उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पारस के नेतृत्व वाले धड़े को उसकी बैठकों में पार्टी का चिह्न और झंडे का इस्तेमाल करने से रोकने का आग्रह भी किया है।
चिराग पासवान के मुताबिक पशुपति पारस को सिर्फ 9 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों ने अध्यक्ष चुना। जबकि LJP में 90 से ज्यादा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं। उन्होंने रविवार यानी 20 जून को एलजेपी कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई है।