गणतंत्र दिवस से ठीक पहले केरल की वाम मोर्चा सरकार ने एक अजीबोगरीब निर्देश जारी किया है। राज्य सरकार की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, सरकारी विभागों, शिक्षण संस्थानों, स्वास्थ्य संस्थाओं समेत अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों के प्रमुख ही गण्तंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहरा सकेंगे। पिनरई विजयन सरकार के इस आदेश से स्कूल और कॉलेज भी प्रभावित होंगे। यह निर्देश ऐसे समय जारी किया गया है जब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडारोहण करने के लिए केरल आने वाले हैं। राज्य सरकार का यह फरमान विवादों में आ गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अपने एक आदेश में आमलोगों को भी तिरंगा फहराने की अनुमति दे चुका है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत गणतंत्र दिवस के मौके पर पालघाट के एक स्कूल में झंडारोहण करने वाले हैं। लेकिन, राज्य सरकार के सर्कुलर में स्पष्ट तौर पर सिर्फ सरकारी अधिकारियों द्वारा ही झंडा फहराने का उल्लेख किया गया है। ऐसे में भागवत स्कूल के झंडारोहण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय नियमों का हवाला दिया है। भाकपा नेता डॉक्टर वार्ष्णेय ने बताया कि यदि सबको तिरंगा फहराने की अनुमति देने पर इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। भागवत गणतंत्र दिवस के मौके पर आरएसएस द्वारा संचालित भारतीय विद्या निकेतन (कलेकाडु) में झंडारोहण करने की योजना बना रखी है। केरल सरकार के सर्कुलर पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने वाम सरकार के इस फैसले को मूर्खतापूर्ण करार दिया है।
Kerala Govt circular on conducting of Republic day celebrations states 'the hoisting of tricolour will only be done by the heads of department offices and other educational institutions ,health institutions.' RSS chief Mohan Bhagwat had to hoist national flag in Palghat on Jan 26
— ANI (@ANI) January 24, 2018
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आरएसएस प्रमुख द्वारा एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में तिरंगा फहराने पर काफी विवाद हो गया था। मोहन भागवत ने पल्लकड़ के स्कूल में रोक के बावजूद झंडा फहराया था। उस वक्त स्थानीय प्रशासन ने राजनीतिक हस्तियों द्वारा सरकारी संस्थानों में झंडा फहराने पर रोक लगा दी थी। जिला कलेक्टर और पुलिस ने कर्नाकेयमन स्कूल प्रबंधन से कहा था कि स्कूल सरकारी सहायता प्राप्त है, इसलिए केवल जनता का प्रतिनिधि या स्कूल का प्रमुख ही ध्वजारोहण कर सकते हैं। बाद में स्कूल को नोटिस भी जारी किया गया था।