हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में मवेशी का कटा हुआ सिर मिलने के बाद गुरुवार को भीड़ ने रोहरू में दुकानों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने बताया कि रोहरू तहसील में अरहाल रोड के पास एक भवन में मवेशी का कटा हुआ सिर मिलने के बाद हिन्दू समूहों के प्रदर्शनकारियों ने मुसलमानों की दुकानों में तोड़फोड़ की। बड़ी संख्या में पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया है। शिमला के पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शुक्ला ने कहा, ‘‘स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।’’ पुलिस ने कहा कि गौ-हत्या के मामले में किसी के भी दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने भीड़ को आश्वासन देकर शांत किया। उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक की टीम यह तय करेगी कि मवेशी का कटा हुआ सिर बछड़े का था या नहीं। हालाँकि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है जिन्होंने दुकानों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने वहां के एक निवासी का भी बयान दर्ज कर लिया है। बयान के मुताबिक उस निवासी को उसके की दोस्त से पता चला था कि शक्ति राणा बिल्डिंग के पास किसी बछड़े का कटा हुआ सिर फेंका हुआ है।
बता दें कि इससे पहले भी गौ-हत्या के कई मामले सामने हैं। मीडिया रिपोर्ट्स कि मानें तो इससे पहले हालही में कांग्रेस जिलाध्यक्ष चौधरी बिजेंद्र सिंह ने इगलास के खैर में हुई गौ-हत्या का सीधा-सीधा जिम्मेदार प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ को ठहराया था। उन्होंने कहा कि इगलास, खैर में हुई गोवंश की निर्मम हत्या और किसानों के आक्रोश के लिए भाजपा के मुखिया मोदी और योगी की नीतियां जिम्मेदार हैं। यदि सरकार ने गोवंश के रख-रखाव और खान-पान की भली प्रकार व्यवस्था की होती तो आज गांव और शहरों में गौ-हत्याएं नहीं होतीं। उन्होंने प्रशासन से इसका समाधान शांति और पंचायतों के माध्यम से निकालने की मांग की थी। उन्होंने इगलास में तेहरा नहर के किनारे गोवंश जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की थी।
बता दें कि इस घटना से पहले भी बुलदशहर में हुए गौ-हत्या कांड के बाद मेरठ पुलिस ने वहाँ के निवासियों को गौ-हत्या ना करने के लिए शपथ भी दिलवाई थी। (भाषा इनपुट्स के साथ)