राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने विधायकों को सलीके से पेश आने के लिए कहा है। उनसे ऐसा कोई काम नहीं करने के लिए कहा है जिससे सरकार और पार्टी का नाम खराब हो। उनकी पार्टी के दो विधायकों ने आवंटन से पहले ही सरकारी बंगले पर कब्जा कर लिया था। इस पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए लालू ने कहा कि वह 1980 में विधायक बनने के बाद चार महीने तक चपरासी क्वार्टर में रहे थे। उप मुख्यमंत्री और लालू के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी बंगले के लिए उतावलापन दिखाने की विधायकों की प्रवृत्ति की आलोचना की है। बंगला भवन निर्माण विभाग द्वारा आवंटित किया जाता है। यह विभाग तेजस्वी के ही जिम्मे है। उन्होंने कहा कि विभाग नियमों के मुताबिक बंगलों का आवंटन करेगा।
सोमवार को राजद के दो और जदयू के एक विधायक ने सरकारी बंगलों पर कब्जा कर लिया था। सहरसा से राजद विधायक अरुण कुमार यादव ने तो 10, साउथ बेली रोड बंगले पर बख्तियारपुर के पूूर्व जदयू विधायक मंजीत सिंह का नेमप्लेट हटा कर अपना नेमप्लेट लगा दिया था। नरपतगंज के राजद विधायक अनिल कुमार यादव ने भी पूर्व भाजपा विधायक के नाम आवंटित बंगले के बाहर अपना नेमप्लेट लगा दिया। जदयू विधायक और पूर्व मंत्री आरएन सिंह ने भी एक बंगले पर कब्जा जमा लिया। यह बंगला जदयू के बागी पूर्व विधायक राहुल शर्मा के नाम आवंटित है।
नियम के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष वरिष्ठता के आधार पर बंगलों का आवंटन करते हैं। पहले मंत्रियों को बंगले दिए जाते हैं। इसके बाद विधायकों को। अभी विधायकों का शपथग्रहण भी नहीं हुआ है। बंगलों के लिए विधायकों की जल्दबाजी पर मुख्यमंत्री की ओर से कोई बयान नहीं आया तो उप मुख्यमंत्री ने बयान दिया। उनके बयान का समर्थन करते हुए लालू ने कहा, ‘तेजस्वी ठीक कह रहा है। हर किसी को नियम के अनुसार चलना होगा। मेरे सभी विधायकों से कहना है कि वे सरकार और पार्टी की अच्छी छवि बनाएं। पांच साल यूं ही गुजर जाएंगे। पार्टी से बड़ी सरकार होती है। मैं विधायक बनने के बाद चार महीने चपरासी के लिए बने क्वार्टर में रहा था।’
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