मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के बयान के बाद पूरे राज्य में विरोध शुरू हो गया है। अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संतोष वर्मा की ओर से ब्राह्मण समाज को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी का बुधवार को भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विरोध जारी रहा है। इस दौरान वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने व सेवा से बर्खास्त करने की मांग की गई। संतोष के खिलाफ वकीलों ने एसपी ऑफिस का घेराव भी किया।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने संतोष वर्मा के बयान पर जमकर विरोध किया। एसपी ऑफिस के सामने बड़ी संख्या में वकीलों वर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अनिल मिश्रा ने कहा कि आगामी 3 दिनों के भीतर वर्मा के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज की गई तो पूरे मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर विरोध किया जाएगा।
सरकार ने पूछा – क्यों न आपके खिलाफ की जाए अनुशासनात्मक कार्रवाई
वहीं ब्राह्मण समाज के लोगों ने बुधवार को आईएएस वर्मा के खिलाफ नर्मदापुरम, ग्वालियर, बुरहानपुर, इटारसी, पिपरिया और रायसेन सहित अन्य क्षेत्रों में प्रर्दशन और नारेबाजी की तथा उनके पुतले जलाए। वर्मा के खिलाफ राज्यभर में बढ़ते विरोध को देखते हुए मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें देर शाम कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा कि क्यों न उनकी टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
नोटिस के मुताबिक, उन्हें सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है और अगर वह इसमें विफल होते हैं तो उनके खिलाफ आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वर्मा ने 23 नवंबर को भोपाल में एक जनसभा में कहा था कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान न कर दे और वह उससे संबंध न बना ले, तब तक आरक्षण मिलना चाहिए।
