इंडियन एयर फोर्स के दो अधिकारियों को Mi-17 चॉपर क्रैश मामले में कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ेगा। यह चॉपर 27 फरवरी को श्रीनगर में क्रैश हुआ था, जिसमें एयर फोर्स के छह जवानों की मौत हो गई थी। यह मामला 4 अक्टूबर को तब सामने आया जब एयरफोर्स चीफ राकेश कुमार भदौरिया ने माना था कि इस चॉपर का क्रैश होना बड़ी चूक थी।

भदौरिया ने मानी थी फोर्स की गलतीः एयर चीफ मार्शल ने कहा था, ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी पूरी की जा चुकी है। हमारी ही मिसाइल से हमारे चॉपर का टकरा जाना बड़ी गलती थी। हम सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी गलती दोबारा न हो। दोषी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।’ यह घटना पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के दौरान हुई थी।

‘शहीदों के परिजनों को इंसाफ मिलेगा’: एयर फोर्स सूत्रों के हवाले से लिखी गई रिपोर्ट के मुताबिक दो अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट मार्शल के अलावा चार अन्य के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी। इन सभी पर तय मानकों का पालन नहीं करने का आरोप है। इंडिया टुडे के मुताबिक, ‘यह कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी। शहीदों के परिजनों को आश्वासन दिया गया था कि उनके साथ इस केस में इंसाफ किया जाएगा।’

स्पाइडर की चपेट में आया था चॉपरः 27 फरवरी को श्रीनगर एयरपोर्ट के पास हुए इस हादसे में दो पायलट और चार क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी। इन अधिकारियों में 2 एयर कमोडोर और 2 फ्लाइट लेफ्टिनेंट शामिल हैं। यह एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम स्पाइडर की फायरिंग की चपेट में आ गया था। सोमवार (14 अक्टूबर) को तीन दिवसीय आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। इसमें इंडियन आर्मी के चीफ और कमांडर्स ने बॉर्डर पर सुरक्षा पहलुओं पर चर्चा की। जम्मू-कश्मीर के हालात पर विस्तार से रिपोर्ट पेश की गई।