बरेली के एक कैफे में जन्मदिन सेलिब्रेशन में हंगामे के बाद अब तीसरे ने 22 वर्षीय महिला ने कहा कि इस घटना से वह बहुत परेशान है और घर से बाहर निकलने से डर रही हैं।

शनिवार के दिन दो दर्जन गुंडो ने एक कैफे में घुसकर जन्मदिन मना रहे ग्रुप और कर्मचारियों से मारपीट की थी। इस घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोग दो मुस्लिम युवकों को लव जिहाद का आरोप लगाकर पीट रहे थे।

मुझे शर्म आ रही..- नर्सिंग छात्रा

फाइनल ईयर नर्सिंग छात्रा ने कहा, “मुझे शर्म आ रही है कि मेरे दोस्तों को पीटा गया। क्या मुझे धर्म के आधार पर अपने दोस्त बनाने चाहिए? मैं डर के मारे अपने घर में बंद हूं और बाहर नहीं निकल रही हूं।”

अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने इस घटना के संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मुख्य आरोपी ऋषभ ठाकुर और दीपक पाठक शामिल नहीं है। दोनों को लेकर दावा किया गया था कि वे बजरंग दल के कार्यकर्ता हैं, हालांकि बरेली बजरंग दल के संयोजक आर्यन चौधरी ने इस दावे को खारिज कर दिया है।

शान और वाकिब भी हिरासत में लिए गए

अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने शान और वाकिब नाम के दो युवकों के साथ कैफे के मालिक शैलेंद्र गंगवार को शांति भंग करने के आरोप में हिरासत में लिया है। उन्हें निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई है।

नर्सिंग छात्रा बदांयू जिले की रहने वाली हैं, वह यहां पिछले चार सालों से नर्सिंग इंस्टिट्यूट के हॉस्टल में रह रही। उसके पिता किसान है और वह घर में सबसे बड़ी है।

छात्रा ने बताई उस दिन की घटना

उसने बताया, “अब वह बरेली में अपने चाची के यहां रह रही है। उसने 27 दिसंबर की घटना को याद करते हुए कहा कि मैंने अपने 40 दोस्तों को बुलाया था लेकिन वहां सिर्फ 12 ही आए, वाकिब और शान उनमें से एक थे।”

करीब 12.30 को उसके दोस्त कैफे में इकट्ठा हुए और एक घंटे बाद उसने अपने जन्मदिन का केक काटा, थोड़ी देर बाद हमलावर आ गए और नारे लगाने लगे।

उसने दावा, “उन्होंने मेरे सहपाठियों, वाकिब और शान के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। उन्होंने अन्य लोगों के साथ भी बदतमीजी की और मुझसे मेरे धर्म को लेकर भी सवाल करने लगे।”

दोस्त छोड़ने की कर रहे थे विनती

आगे कहा,”मेरे दोस्त उनसे हमें छोड़ देने की विनती कर रहे थे। हालांकि उन्हें हॉल से बाहर धकेल दिया गया, हमलावरों ने वकीब और शान को पीटना जारी रखा, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।” आगे आरोप लगाया कि हमलावरों ने उससे मोबाइल फोन छीनने की भी कोशिश की।

हंगामे के बाद उसने कहा कि वह अपने इंस्टिट्यूट और हॉस्टल नहीं गई। उसने कहा, “मैं डिप्रेशन में हूं क्योंकि इससे मेरी छवि स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि देश में धूमिल की गई। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इन्हें किसने हक दिया कि ये लोगों को परखें और फैसला लें कि मुझे किससे दोस्ती करनी चाहिए।”

मुझे गाइड करने वाले वे कौन?

आगे कहा, “मैं सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ फोटो हमेशा डालती रहती हूं, मैं अपना जन्मदिन अपने माता-पिता से पूछ कर मनाने गई थी, वे जानते हैं कि कौन मेरा दोस्त हैं, अगर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है तो ये कौन होते हैं मुझे गाइड करने वाले?

आगे छात्रा ने पहले से प्लानिंग का आरोप लगाया कि वे तुरंत वाकिब और शान को रूम में घुसते ही पीटने लगे, पुलिस को यह भी जांच करनी चाहिए कि उन्हें इसकी जानकारी किसने दी।

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