प्रसिद्ध चिलकुर बालाजी मंदिर ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए मंगलवार (13 अगस्त) को सांकेतिक तौर पर ‘जटायु सेना’ की शुरूआत की है। बता दें कि जटायु रामायण का एक प्रसिद्ध पात्र है, जब रावण सीता का हरण करके लंका ले जा रहा था तो जटायु ने सीता को रावण से छुड़ाने का प्रयत्न किया था। यह कदम मंदिर ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाया है।
पुरुष श्रद्धालुओं जटायु सेना के सदस्य के लिए संकल्प लेंगेः इस मामले में चिलकुर बालाजी मंदिर के प्रधान पुजारी सी. एस. रंगराजन ने कहा कि विशेष अनुष्ठान में मंदिर में महिलाओं और लड़कियों की कलाइयों पर धागे बांधे गए और लड़कियों तथा महिलाओं की हिफाजत के लिए जटायु सेना की प्रतीकात्मक शुरूआत की गई। उन्होंने कहा कि कई पुरुष श्रद्धालुओं ने जटायु सेना का सदस्य बनने के लिए संकल्प लिया।
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मंदिर चलाएगा जागरूकता अभियानः रंगराजन ने इस पर बयान देते हुए कहा, ‘लोग जटायु सेना का सदस्य बन सकते हैं और लड़कियों तथा महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए उन्हें सक्रिय रहना होगा।’ रंगराजन ने कहा कि लड़कियों और महिलाओं की हिफाजत के लिए मंदिर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाता रहेगा। इस अवसर पर मंदिर के पुजारियों ने करवान इलाके के नदीम को सम्मानित किया, जिसने दो दिन पहले एक नाबालिग लड़की को बचाया था ।