भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों से अस्पतालों और प्रशासन की लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। जहां कई राज्यों पर मरीजों के अलावा लाशों तक का सही रखरखाव न करने का आरोप लगा है। वहीं, कई जगहों पर तो अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से ही इनकार कर रहे हैं। ताजा मामला उत्तराखंड के देहरादून का है। यहां चार अस्पतालों ने एक प्रेग्नेंट महिला को कोरोनावायरस से संक्रमित होने के शक में ही भर्ती करने से इनकार कर दिया, जिससे उसकी तबियत लगातार बिगड़ती रही। अस्पतालों की इस लापरवाही के कारण महिला के जुड़वां बच्चों के साथ उसकी भी मौत हो गई।

कोरोनावायरस संक्रमण के इस खतरनाक समय में अपनी पत्नी की जान गंवाने वाले कमलेश सैनी ने एक टाइम्स मीडिया ग्रुप को बताया कि वे सोमवार को पहली बार अस्पताल गए थे। उनकी पत्नी ने पेट में पहली बार जोरदार दर्द की शिकायत की थी। लेकिन अस्पतालों ने उन्हें यह कह कर लौटा दिया कि जब उनकी पत्नी की प्रेग्नेंसी के 9 महीने पूरे हो जाएं, वे तभी उन्हें लेकर लौटें। अस्पताल ने कहा था कि उनकी पत्नी में खून की कमी है और उन्हें खून चढ़ाना जरूरी है। इस दौरान अस्पताल के डॉक्टरों ने कमलेश की पत्नी का चेकअप भी ठीक ढंग से नहीं किया।

महिला के पति ने आगे कहा, “गुरुवार को सुधा (पत्नी) को बुखार आने के बाद वे उसे भर्ती कराने दो सरकारी और दो प्राइवेट अस्पताल गए, लेकिन अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया। अस्पतालों का तर्क था कि सुधा को तेज बुखार है और वे कोरोना मरीज हो सकती हैं।”

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हालांकि, बाद में स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद पांचवें अस्पताल ने प्रेग्नेंट महिला को भर्ती किया। महिला ने आईसीयू में जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था, जिनकी कुछ ही घंटों बाद मौत हो गई। इसके बाद गुरुवार को ही महिला की भी तबियत काफी बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। फिलहाल देहरादून के सीएमओ ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि आखिर कैसे कोई सरकारी अस्पताल गंभीर स्थिति में आए मरीज को लौटा सकता है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में भी पिछले हफ्ते आठ माह की गर्भवती महिला की समय पर इलाज न मिलने से मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप था कि12 घंटे के दौरान जिले के आठ अस्पतालों ने महिला को भर्ती करने से मना कर दिया। महिला को हाई ब्लड प्रेशर के चलते सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन भी फिलहाल इस मामले में जांच कर रहा है।