Birth Anniversary of Lok Nayak Jai Prakash Narain: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनके गांव बिहार के सारण जिले के सीताबदियारा पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जेपी का सबसे बड़ा योगदान तब था, जब उन्होंने भ्रष्टाचार और सत्ता के नशे में डूबी एक सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू कर दिया, जिसने 70 के दशक में आपातकाल लगाया। कहा कि जो लोग खुद को जेपी का शिष्य बताते हैं, वही लोग उनकी विचारधारा छोड़ दी।
1973 में, इंदिरा जी के नेतृत्व में, गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी, जिसमें चिमन भाई पटेल मुख्यमंत्री थे। इंदिरा जी ने सार्वजनिक रूप से सरकारों को पैसा इकट्ठा करने का काम सौंपा। इससे भ्रष्टाचार शुरू हुआ। इसके खिलाफ गुजरात में छात्रों ने विरोध किया और जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन शुरू कर दिया। इससे वहां सरकार बदल गई।
इसके बाद उन्होंने बिहार में एक आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन को देखकर बिहार के गांधी मैदान में रैली करने वाली इंदिरा गांधी परेशान हो गईं। देश के पीएम को मजबूर होकर देश में इमरजेंसी लगानी पड़ी और जयप्रकाश नारायण को जेल में डाल दिया गया।
जेपी ने जीवन भर सिद्धांतों के लिए काम किया, सत्ता का कभी मोह नहीं किया
सभा को संबोधित करने से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने जेपी की 14 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण कर उस पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने लालू यादव और नीतीश कुमार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जेपी ने जीवन भर सिद्धांतों के लिए काम किया, सत्ता का कभी मोह नहीं किया, लेकिन लालू यादव-नीतीश कुमार वहीं कर रहे हैं। आज सत्ता के लिए 5 बार पाला बदलने वाले बिहार के सीएम हैं। कहा कि यह जयप्रकाश नारायण द्वारा दिखाया गया मार्ग नहीं है।
अमित शाह ने कहा, “मैं आज बिहार की जनता से पूछना चाहता हूं कि जेपी आंदोलन से ऊंचाइयां हासिल करने वाले नेता आज सिर्फ सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में उनका नाम लेकर बैठे हैं। क्या आप उनके साथ हैं? क्या यही जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों की राजनीति है?
यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने कहा- बिहार लोकतंत्र को खत्म होते नहीं देख सकता
इससे पहले गृहमंत्री का स्वागत करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिहार लोकतंत्र को खत्म होते नहीं देख सकता। जब-जब लोकतंत्र पर हमला हुआ है बिहार ने उसके खिलाफ आंदोलन किया है। कहा कि देश को 1947 में आजादी मिली, लेकिन बलिया तो पांच साल पहले ही खुद को आजाद कर लिया था। यह क्रांति की भूमि रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि बिहार सरकार और यूपी सरकार मिलकर नदी की गाद को साफ करें और दोनों राज्यों के बीच जल परिवहन का विकास हो।