पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह एक कार्यक्रम के दौरान शोर मचने पर नाराज हो गए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से हल्ला ना करने की अपील करते हुए भाई शांत रहे और अरे यार जैसे वाक्यों का इस्तेमाल किया। दरअसल शाह शनिवार को क्रांतिकारी खुदीराम बोस को नमन करने पहुंचे। इसके बाद जब वो मीडिया को संबोधित कर रहे थे तब खूब शोर होने लगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की है। तब उन्होंने कहा- भाई… ओ भाई, थोड़ा आप शांति रखो। प्लीज… अरे यार, थोड़ा शांति रखो।
इसके बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित किया। शाह ने कहा कि क्रांतिकारी खुदीराम बोस पर बंगाल को जितना गर्व है, उतना ही गर्व पूरे भारत को है। उन्होंने क्षेत्रवाद की ‘संकीर्ण’ राजनीति करने वालों की आलोचना की। यहां बोस के पैतृक घर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए शाह ने कहा कि जब बोस को 1908 में अंग्रेजों द्वारा फांसी पर लटकाया जा रहा था तब उन्होंने ‘वंदे मातरम’ का उद्घोष कर देश के युवाओं को प्रेरित किया।
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इसके बाद अमित शाह एक कार्यक्रम में पहुंचे, जहां टीएमसी से एक दिन में सर्वाधिक नेताओं के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम में दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और पांच विधायकों एवं एक सांसद समेत 34 अन्य नेताओं उनकी मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया। शाह ने इस मौके पर दावा किया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आने तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी में अकेली रह जाएंगी। वहीं तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने भी आशंका जताई कि आने वाले समय में और पार्टी नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
इधर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सौगत रॉय ने भाजपा में शामिल होने वालों को ‘विश्वासघाती’ करार देते हुए कहा कि ऐसे तत्वों का पार्टी छोड़ना ही ठीक है। तृणमूल नेताओं के अलावा माकपा के दो विधायकों, भाकपा और कांग्रेस के एक-एक विधायक ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार 1998 में ममता बनर्जी द्वारा कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाए जाने के बाद से एक दिन में यह सर्वाधिक तृणमूल नेताओं का पलायन है। (एजेंसी इनपुट)