उत्तर प्रदेश में आगरा स्थित ताजमहल में रविवार को विजयादशमी पर भगवान शिव की ‘पूजा’ करने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार संघ परिवार से जुड़े एक संगठन, हिंदू जागरण मंच के कुछ कार्यकर्ता कथित तौर पर भगवा झंडे के साथ ताजमहल परिसर में दाखिल हुए और मकबरा परिसर में शिव की पूजा की। घटना का कथित वीडियो भी सोशल मीडिया में पोस्ट किया गया है।
आगरा इकाई के संगठन अध्यक्ष गौरव ठाकुर ने स्थानीय रिपोर्टरों को बताया कि ताजमहल वास्तव में तेजो महल था, जो कि एक शिव मंदिर है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में मैंने ताजमहल में कम से कम पांच बार शिव की पूजा की है। ये पूजा तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार इस स्मारक को हिंदुओं को नहीं सौंप देती।
मुगल बादशाह शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में अपनी रानी मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक फैसले में अयोध्या के विवादित स्थल को हिंदू पक्ष को सौंपने के बाद से मथुरा और वाराणसी में भी कथित तौर पर मंदिर पर बनी इस्लामी संरचनाओं को हटाने की मांग उठने लगी है।
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इधर भाजपा और आरएसएस के प्रवक्ताओं ने गौरव ठाकुर मामले में दूरी बना ली है। अपर मुख्य सचिव (गृह) अविनाश अवस्थी ने इस बाबत अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ के टेक्स्ट मैसेज का जवाब नहीं दिया, जिसमें ठाकुर और उनके सहयोगी के खिलाफ केस दर्ज करने के मामले में सवाल पूछा गया था। हालांकि मामले में लखनऊ में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा कारणों से ताजमहल में झंडे, अगरबत्ती, यहां तक की कलम पर भी बैन है।
पहचान ना जाहिर करते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर आरोप सही हैं तो उनके खिलाफ सुरक्षा का उल्लंघन और धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए केस दर्ज किया जा सकता है। सामने आए वीडियो में ठाकुर ताज परिसर में आंखें बंद किए एक बेंच पर बैठे हैं। इसमें उनके पीछे एक आदमी भगवा झंडा थामे खड़ा है। तीसरा शख्स अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्डिंग करता नजर आ रहा है। और चौथे शख्स ने तीनों का वीडियो शूट किया होगा।