दो महीने पहले मोदीनगर स्‍थ‍ित अपने रिश्‍तेदार के घर से कथित तौर पर अगवा हुई परतापुर के काशी गांव की रहने वाली हिंदू लड़की बुधवार को अचानक से हाईकोर्ट पहुंच गई। वहां उसने एक हलफनामा दायर करके कहा कि उसने मर्जी से गांव के ही एक मुसलमान युवक से शादी कर ली है और मर्जी से ही इस्‍लाम कबूल किया है। कोर्ट में उसके पिता के अलावा ‘नए परिवार’ के सदस्‍य भी मौजूद थे। लड़की के मुताबिक, उसका निकाह मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में 12 मार्च को हुआ। इससे पहले, 4 मार्च को वह बालिग हुई। लड़की ने धर्म परिवर्तन के बाद फातिमा नाम अपनाया है।

लड़की के पिता ने आरोप लगाया है कि यह एक सोची समझी साजिश है। मुस्‍ल‍िम परिवार में शादी से पहले उसका धर्मांतरण किया गया। पिता ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में बताया, ”मैं मैरिज सर्टिफिकेट का इंतजार कर रहा हूं। इसके बाद ही यह तय करूंगा कि आगे क्‍या करना है? लड़की अब हमारे साथ नहीं है। मैं इस शादी को नहीं मानता।” बता दें कि पुलिस ने इस मामले में किडनैपिंग के आरोप में दो लोगों लायक अली और मुसव्‍वर को गिरफ्तार किया है। हालांकि, पुलिस अभी तक ‘पति’ मशगूर को खोजने में नाकाम रही है। लायक और मुसव्‍वर को गुरुवार को गाजियाबाद की अदालत में पेश किया गया। यहां उन्‍हें जमानत नहीं मिली।

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की एक शादी में शरीक होने परिजनों के साथ मोदीनगर के निवारी गांव में अपने रिश्‍तेदार के घर गई थी। यहां कथित तौर पर 23 जनवरी को उसे अगवा कर लिया गया। बता दें कि इसके बाद, पुलिस ने कई जगह छापा मारा लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आरएसएस और बीजेपी ने भी इस मामले पर काफी हंगामा किया। मेरठ से बीजेपी एमपी राजेंद्र अग्रवाल ने लड़की के काशी गांव में धरना भी दिया था। साथ में चेतावनी दी थी कि अगर लड़की नहीं मिली तो बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा। हालांकि, लड़की और उसके कथित अपहरणकर्ता स्‍मार्ट साबित हुए। लड़की बालिग होने के बाद ही सामने आई। इसके बाद, लड़की की ओर से दावा किया गया कि उसने पसंद के लड़के से शादी की।

बीजेपी ट्रेड विंग के यूपी अध्‍यक्ष विनीत शारदा ने कहा, ”यह लव जिहाद का मामला है। अगर पुलिस लड़की को तलाशने की इच्‍छुक होती तो आज वो घर पर होती। राज्‍य सरकार इस मामले में तुष्‍ट‍िकरण की राजनीति कर रही है। इस साल यूपी में इस तरह के एक दर्ज मामले सामने आए हैं। हम इस तरह की घटनाओं का विरोध और निंदा करते हैं।” बता दें कि खरखौदा पुलिस स्‍टेशन के अंतर्गत आने वाले सरावन गांव में ही अगस्‍त 2014 में इसी से मिलता जुलता मामला सामने आया था। उस वक्‍त लड़की के पिता ने पास के ही गांव के दस लोगों पर अपहरण, गैंगरेप और बेटी का जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज कराया था। सभी दस आरोपियों को जेल भेज दिया गया। बाद में लड़की ने मेरठ में मजिस्‍ट्रेट कोर्ट में पेश होकर दावा किया कि वह मर्जी से घर छोड़कर गई थी। उसने मर्जी से इस्‍लाम कबूल किया और गिरफ्तार आरोपियों में से एक कलीम से शादी की।