हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार 12 नवंबर 2022 को वोट डाले जाएंगे। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इस चुनाव में मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करने के लिए की तरह के वादे और दावे किए, हालांकि जनता उससे कितना प्रभावित हुई और किन दलों को अपना समर्थन देगी यह तो 8 दिसंबर को नतीजे आने के बाद पता चलेंगे।
इस बीच जनता पर अंतिम दांव चलते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने राज्य में अपनी सरकार बनते ही एक लाख नौकरियां देने के साथ ही पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को तुरंत लागू करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना कोई चुनावी जुमला नहीं है और इसे छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों ने पहले ही लागू कर दी है।
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने गुरुवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार योजना वरिष्ठ नेताओं की तैनाती के साथ “काफी बेहतर” हो सकती थी। उन्होंने खेद जताते हुए कि उनकी सेवाओं का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस चुनाव जीतेगी और “स्थिर बहुमत” प्राप्त करेगी।
पीटीआई से बातचीत में आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि नई पेंशन योजना के निहितार्थ का आकलन नहीं करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों “दोषी” हैं। वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए इसे चुनने के कदम को “निर्णय की त्रुटि” करार दिया। कहा कि जहां भी प्रत्याशियों ने बुलाया वहां उन्होंने अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रचार किया, लेकिन उनके अभियान के लिए कोई केंद्रीकृत योजना नहीं थी।
आनंद शर्मा ने कहा प्रियंका गांधी ने उत्साही अभियान का नेतृत्व किया
आनंद शर्मा चुनावों से पहले के महीनों से असंतुष्ट थे, लेकिन उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार किया और अभियान के अंत में विभिन्न स्थानों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में जनसभाएं कीं। कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य में एक उत्साही अभियान का नेतृत्व किया है।
प्रियंका गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी भाजपा पर निशाना साधा और पूछा कि उसके पांच साल के कार्यकाल में 63,000 खाली सरकारी पदों को क्यों नहीं भरा गया। वादा किया कि जब हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होगी, तो युवाओं को एक लाख नौकरियां दी जाएंगी और पुरानी पेंशन योजना वापस आ जाएगी।